क्यों पलकें भिगोना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* महसूस करे दिल तो क्यों पलकें भिगोना है।जब अश्क पिये दिल तो बेकार का रोना है। मायूस रहे दिल तो नजरें भी रहें गम में,पर अश्क बहा के तो कमजोर ही होना है। हैं अज्म बड़े दिल में दर भी ये खुदाई का,सम्मान रहे जिनसे मोती वो न खोना है। … Read more

जो डर गए होते

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** सफ़र की मुश्किलों से हम जो डर गए होते,ज़फ़र न मिलती हमें गर ठहर गए होते। जो ओट सब्र की करते न हम तो दुनिया में,ज़रा-सी ग़म की हवा से बिखर गए होते। ज़ियादा लाड़ के साये में नस्ल-ए नौ झुलसे,जो होते धूप में तो ये निखर गए होते। … Read more

मेरी तलाश में

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मेरे हबीब वो रहबर मेरी तलाश में हैं।मेरे करीब ही रहकर मेरी तलाश में हैं। थी एक चाह कि मैं बनता प्रेम का सागर,ना जानता था समंदर मेरी तलाश में है। मैं सोचता रहा दिखते वो किस तरह होंगे,वो खुशनसीब से मंजर मेरी तलाश में हैं। हो आपकी जो दुआ … Read more

बेजार नजर

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* किसलिए आप यूँ बेजार नजर आते हैं।अश्क ऑंखों में क्यूँ बेकार नजर आते हैं। दिल पिए अश्क़ तो हर एक दुआ मिलती है,गम सहे दिल तभी खुद्दार नजर आते हैं। हिज़्र के गम न सहे दिल तो किया क्या इसने,खामखां दौर यही खार नजर आते हैं। दिल मुकम्मल न रहे … Read more

यही वो लोग हैं

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** यही वो लोग हैं जो तुझको भुला देंगे इक दिन,यही वो लोग हैं जो पलकों से गिरा देंगे इक दिन। आज खुश है तू परिंदों की दस्तक से यहाँ,छोड़ के जायेंगे तो वीरान बना देंगे इक दिन। किनारे मिट्टी के हैं और सैलाब का खतरा भी है,ना जाने कब किसका मकान … Read more

गम सुनाया मत करो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ ‌२१२… दर्द-ओ-गम अपने जमाने को सुनाया मत करो।सुख मिले जो ज़िन्दगी को वो छुपाया मत करो। बाॅंट लो दु:ख-दर्द सबके सुख भरी दुनिया रहे,अहमियत देकर सभी गम को बढ़ाया मत करो। दौर बदलें वक्त से हर साॅंस-धड़कन की तरह,वक्त चलता है बुरा ये, तो बताया मत करो। … Read more

हमसफ़र हुई बारिश

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** बेशतर हुई चाहे, मुख़्तसर+हुई बारिशवस्ल-ओ-हिज्र दोनों में, मो’तबर+ हुई बारिश। दिल के भीगे काग़ज़ पर, ‘ऐन-शीन-क़ाफ़’ उभराउंगलियों की हरकत से, उफ़ शरर हुई बारिश। वक़्त-ए-रुख़सती जिनको, थी विदा’अ की जल्दी,उनको रोके रखने में, कारगर हुई बारिश। पहले दूर जाते तक, रोए बिन उन्हें देखा,फिर हमारी आँखों की, हमसफ़र हुई … Read more

ले उड़ा ख्याल मुझे

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** ले उड़ा, फिर कोई खयाल मुझे।कर दिया जिसने फिर निहाल मुझे। मेरी किस्मत पे लगी हासिद की नजर,उन पे आता है अब जलाल मुझे। आग को पार करके निकली हूँ,दे दिया रब ने फिर जमाल मुझे। गैर काम आए जब पड़ी मुश्किल,अब तो अपनों से है मलाल मुझे। तेरी सूरत … Read more

पैग़ाम-ऐ- मोहब्बत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** मेरा पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे,आरज़ू है कि वो सबके मकां तक पहुंचे। एक खुशबू की तरह फैले अमन की बातें,बात ऐसी हो दुआ बनके यहाँ तक पहुंचे। जहां नफ़रत का अंधेरा हो उसे दूर करे,रौशनी ऐसी दिखाएं जो वहाँ तक पहुंचे। दूर दुनिया में जहां जुल्म और दहशत … Read more

जलते चिराग

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** ख़ुदगर्ज़ सब रफीक फरामोश हो गए।कुछ वक़्त के साए में भी बेहोश हो गए। महफिल में उनके आने की चर्चा सुनी मैंने,हम तो उसी खबर पे ही पुरजोश हो गए। पलकों पे जो सजते थे, दिखते नहीं मुझे,लगता है मुझको ऐसे कि बा-होश हो गए। अब तक तो जिसने नाम … Read more