मस्ती फागुन की
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मस्ती फागुन की है, होली रुत आई।देख-देख प्रियतम को गोरी इठलाई॥ सजना ने रंगों के मारे थे गोले,सूरत को देखो तो लगते थे भोले।चंचल-सी यह चितवन मन को अति भाई,मस्ती फागुन की है,…॥ भीगी सारी मोरी लाली चुनरिया,बादल ने भी बरसी रंगी बदरिया।फागुनी फाग में तो सुध-बुध बिसराई,मस्ती फागुन की … Read more