हे! गिरिधर गोपाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जन्माष्टमी विशेष…. हे! गिरिधारी नंदलाल,तुम कलियुग में आ जाओ।सत्य,न्याय रो रहे आज तो,नवजीवन दे जाओ॥ जीवन तो अभिशाप हो रहा,बढ़ता नित संताप है।अधरम का तो राज हो गया,विहँस रहा अब पाप है॥गायों,ग्वालों,नदियों,गिरि की,रौनक फिर लौटाओ,सत्य,न्याय रो रहे आज तो,नवजीवन दे जाओ…॥ अंधकार की बन आई है,है अंधों की महफिल।फेंक रहा नित … Read more

अमृत महोत्सव चलो मनाएं

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* सुरभित करता मानव जीवन, शुभ दिन आया आज है।अमृत महोत्सव चलो मनायें, जन-जन से आगाज है॥ तीन रंग का शुभम तिरंगा, इस धरती की शान है,भारत माता हृदय बसे है, यह अपना अभिमान है।भारत के मस्तक पर सोहे, श्वेत बर्फ का ताज है,अमृत महोत्सव चलो मनायें, जन-जन से आगाज है॥ नमन … Read more

ऐ वीर जवान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ऐे सैनिक! फौज़ी,जवान, है तेरा नित अभिनंदन।अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन॥ गर्मी,जाड़े,बारिश में भी,तू सच्चा सेनानी,अपनी माटी की रक्षा को,तेरी अमर जवानी।तेरी देशभक्ति लखकर के,माथे तेरे चंदन,अमन-चैन का तू पैगम्बर,तेरा है अभिवंदन…॥ आँधी-तूफाँ खाते हैं भय,हरदम माथ झुकाते,रिपु तो तुझको देख सिहरता,घुसपैठी थर्राते।सीमाओं के प्रहरी तू तो,वीर शिवा का … Read more

ऊँचा रहे तिरंगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** अपना सम्मान तिरंगा… ऊँचा रहे तिरंगा, मिलकर ये गान गाते।वीरों की याद में हम, है अपना सिर झुकाते॥ आता स्वतंत्रता का दिन, हर वर्ष ले उमंगें,श्रद्धांजलि शहीदों को, दे करके याद करते।आगे ही बढ़ते जायें, इस देश को संवारें,गद्दारों से बचाएं, हम हैं कसम ये खाते॥ कोई खौफ हो न डर … Read more

आज़ादी के दीवाने

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** अपना सम्मान तिरंगा…. आजादी के दीवाने हमनिकल पड़े हैं साथ में।आओ चलें सीमा पर अपनी,लिए तिरंगा हाथ में॥ बड़े त्याग और बलिदानों से,ये आज़ादी पाई है।इसके खातिर कई वीरों नेअपनी जान गँवाई है।क़ीमत अपने प्राणों की दी,नहीं मिली सौग़ात में।आओ चलें सीमा पर अपनी,लिए तिरंगा हाथ में॥आजादी के दीवाने… बुरी नजर … Read more

कभी न झुकने देंगे इसको

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** अपना सम्मान तिरंगा…. भारत की पहचान तिरंगा,माँ भारत की आन तिरंगा।कभी न झुकने देंगे इसको,है अपना सम्मान तिरंगा॥ ये है भारत देश हमारा,प्राणों से भी हमको प्यारा।इसका नहीं है कोई सानीहै सारी दुनिया से न्यारा॥ उत्तर में है खड़ा हिमाला,गिरि श्रंखलाएँ बनी मेखला।दक्षिण सागर चरण पखारे,पावन बहे गंग के धारे॥ सदा … Read more

श्रेष्ठ तिरंगा है प्यारा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* अपना सम्मान तिरंगा…. तीन रंग का ध्वज फहराएँ, श्रेष्ठ तिरंगा है प्यारा।मातृभूमि पर कल-कल बहती, गंगा सुंदर है धारा॥ क्षैतिज झण्डा शोभित होता, इसकी छठा निराली है,तीन रंग का लक्ष्य श्रेष्ठ है, रचना प्रभावशाली है।खादी के कपड़े से बनता, इसका यही अधारा है,तीन रंग का ध्वज फहराएँ, श्रेष्ठ तिरंगा है प्यारा॥ … Read more

अमर रहे गणतंत्र हमारा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ सम्मान अपना तिरंगा…. अमर रहे गणतंत्र हमारा,जन-गण-मन का नारा है।आसमान पर देख तिरंगा,विश्व गगन का तारा है॥ सदियों से हम ठोकर खाएँ,मिली आज आजादी ये।चलो सहेजें अपनी धरती,अब मत हो बर्बादी ये॥वसुंधरा माँ के आँचल को,हमने आज सँवारा है।अमर रहे गणतंत्र हमारा…॥ शस्य श्यामला हरी-भरी हो,बंजर धरती की क्यारी।जय जवान … Read more

दुनिया एक मुसाफिर खाना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार १६+१४=३० (ताटक छंद आधारित) किस पर तू इतराए प्राणी, तेरा है नहिं मेरा है,दुनिया एक मुसाफ़िर खाना, केवल रैन बसेरा है। फँसा रहेगा मोह बंध में, जब तक है जीवन तेरा,रिश्ते-नाते हैं सब मेरे, माल खज़ाना है मेरा।साथ चले नहिं कुछ भी तेरे, जोगी वाला डेरा है।दुनिया एक मुसाफ़िर … Read more

कच्चे धागों में बँधता है प्यार यहाँ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** रक्षा बंधन विशेष…. बचपन की यादों में खोई,घर-आँगन फुलवारी में।खेल-खिलौनों में दिन गुजरा,गुड़ियों की तैयारी में॥अब तो पिय की हुई सहेली,उनसे ही श्रृंगार यहाँ।कच्चे धागों में बँधता है… बहन सजाती हर घर थाली।भैया जी के आवन में।रंग-बिरंगे फूल लेकर,ऋतु आई हैं सावन में॥बहना के घर पहुँचे भैया,लेकर के उपहार यहाँ।कच्चे … Read more