है एक सहेली कुटिया में

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ सब अपनी-अपनी राह गये,मैं हुई अकेली कुटिया में। बेटे सरकारी नौकर हैं,बेटी हो गई सासरे कीसब पास-पड़ोसी ऐंठे हैं,क्या आशा करूं आसरे की।कुटिया ने ही देखी मेरी,जो पीड़ा झेली कुटिया में…॥ जन्मी तो हाथों-हाथ रही,रोयी तो झूली पलना मेंजब वृद्ध हुई तो समझ सकी,मैं फूल रही थी छलना में।सब लगे बूझने बुढ़िया को,मैं … Read more

हिंद देश की हिंदी भाषा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिंद देश की हिंदी भाषा,जन-जन का आधार है।मुखरित होता है जब हिय से,दे सुंदर सत्कार है॥ शोभित होती मुख से जिनके,हिंदी भाषा शान से,मान-प्रतिष्ठा मिले सदा ही,वाचन के शुभ ज्ञान से।बाल बालिका प्रथम बोलिए,यह ही जीवन सार है,हिंद देश की हिंदी भाषा,जन-जन का आधार है॥ शब्द-शब्द में सार समाया,शब्द गठरिया खोलिए,मनुज … Read more

जय हिन्दी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष… शिशु क्या जाने,उसका तुझसे,कैसा नाता है।पर मुख पर पहला अक्षर,क्यों तेरा आता है॥ जन्म लिया धरती पर रोया,माँ-अम्मा कह करतू ही बतला,क्यों आया यह,अनजाना मुख पर।जन्म-जन्म से इस नाते का,एक विधाता है।शिशु क्या जाने…॥ तेरे ही शिशु हैं दुनिया में,तू उनकी भाषाएक राष्ट्र तो क्या तू सारे,जग की है … Read more

मातृभाषा हिन्दी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष…. लेखक कवि की लेखनी का हिंदी ही तो गान है।हिंदी हमारी चेतना,हिंदी हमारी शान है॥ सरगम के सुर में सज रहे,और से रहे साज है_तोतली भाषा में निकली बालक की आवाज है।मुख से मुखरित मधुर वाणी का हिंदी वरदान है,लेखक कवि की लेखनी…॥ संस्कारों की भाषा हिंदी हमारा … Read more

जीवन में वरदान प्रेम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जीवन में वरदान प्रेम है,है उजली इक आशा।अंतर्मन में नेह समाया,नहीं देह की भाषा॥ लिये समर्पण,त्याग औ’ निष्ठा,भाव सुहाने प्रमुदित हैं।प्रेम को जिसने पूजा,समझा,वह तो हर पल हर्षित है।दमकेगा फिर से नव सूरज,होगा दूर कुहासा,अंतर्मन में नेह समाया,नहीं देह की भाषा…॥ राधा-श्याम मिले जीवन में,याद सदा शीरी-फरहाद।ढाई आखर महक रहा … Read more

मतवाला बसंत

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बसंत है आया रंगीला बसंत है आया।सरस सुहावन अति मनभावन उर आनंद छाया॥ स्वागत है ऋतुराज पधारे रँग गुलाल उड़ाओ,झाँझर,चँग,मृदँग बजाओ झूमो नाचो गाओ।नृत्य करत रति कामदेव है अनंग हर्षाया,बसंत है आया रंगीला बसंत है आया…॥ मंद-मंद है पवन बसंती,झूमे डाली-डाली,गुन-गुन करते भ्रमर हुई है कोयल मतवाली।बगिया में हर कली खिली,महुआ … Read more

यों बिछड़कर कहाँ सो गए ?

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** सुरों की अमर ‘लता’ विशेष-श्रद्धांजलि…. यों बिछड़कर कहाँ सो गए।तुम न जाने कहाँ खो गए॥ गीतों से जग को सजाया,सुर-लय से मधुमय बनाया।बिन बताए विदा हो गए,तुम न जाने कहाँ खो गए…॥ मधुरस भरे गीत अब भी,गूँजे हैं जग आज तक भी।छोड़ यादें भला क्यों गए,तुम न जाने कहाँ खो गए…॥ … Read more

तुम गीतों का विषय हो गईं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ सुरों की अमर ‘लता’ विशेष-श्रद्धांजलि…. गाते-गाते गीत सदा ही,तुम गीतों का विषय हो गईं।स्वर साम्राग्यी अमर कोकिला,किस दुनिया में विलय हो गई॥ मैंने तुम पर गीत लिखा जोदीदी इसे अमर कर देना।मीठे स्वर देकर इसकी भी,प्रतिध्वनि अम्बर में भर देना।प्रतिध्वनि सुनकर ही समझूंगी,दीदी मुझ पर सदय हो गईं॥ सरस्वती माँ की पुत्री बन,तुम … Read more

साथ छूट जाते हैं…

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सुरों की अमर ‘लता’ विशेष-श्रद्धांजलि…. धीरज का बांध नहीं,तार टूट जाते हैं।सुर मलिका से हमारे,साथ छूट जाते हैं॥ शारदा साक्षात हुई थी,बन बैठी साधिका,सुर के श्रृंगार सजे,वह बन गई आराधिका।गीतों की झंकार गई,ताल टूट जाते हैं,धीरज का बांध…॥ मातु सरस्वती से हमें,अनुपम उपहार मिला,अद्भुत गीत बन गये तो,गीतों का सार मिला।परिभाषा थी … Read more

कविता से नाता जोड़ लिया

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)****************************************************** तर्ज:चाँदी की दीवार न तोड़ी… घर-परिवार सब कुछ छोड़ा कविता से नाता जोड़ लिया।इक साहित्य प्रेमी ने माँ शारद से नाता जोड़ लिया॥ कल तक जिसको बीवी-बच्चे जां से प्यारे लगते थे,इस संसार में उनसे अच्छे और न कोई दिखते थे।कविताई की खातिर कवि ने सुखमय जीवन त्याग दिया,कवि धर्म … Read more