कुदरत के करिश्मे
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** हर दौर बदल कर भी जीवन न मिटा पाया।कोरोना भला कैसे ये ख्वाब सजा लाया। जीवन का विरोधी बन खुद मिटने चला आया,कुदरत के…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** हर दौर बदल कर भी जीवन न मिटा पाया।कोरोना भला कैसे ये ख्वाब सजा लाया। जीवन का विरोधी बन खुद मिटने चला आया,कुदरत के…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* भूचालों की बुनियादों पर,बना रखा है घर।स्वप्न सलोने बुनती हूँ मैं,आशा है सुंदर॥ अनजानों से रिश्तें कहते,सभी पराये हैं,पर अपने निज रिश्ते मानें,काम न आए हैं।पग-पग…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कठिन परीक्षा का क्षण हिंदुस्तान का।ख़तरे में जीवन आया इंसान का॥ तुच्छ नहीं यह बात बड़ी है,घर के बाहर मौत खड़ी है,लड़ना होगा युद्ध सभी को,कोरोना…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** रचना शिल्प:२२२ २२२ १२२ जल,वायु से सजतीं बहारें,धरती में इनसे ही नजारे।मधुरम बनके धरती गगन को,बूंदों की चाहत में निहारे॥जल,वायु से… बूंदें,बादल देता धरा…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* श्रमिक दिवस विशेष.... मेहनतकश मजदूर हूँ मैं,सकल देश की शान।हाथों में हिम्मत है मेरे,यह मेरा अभिमान॥ देख भवन जो आज खड़ा है, मेरा है उपकार,खून पसीना…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** भारत के वीर जवानों ने अपना हर फ़र्ज़ निभाया है।भारत माता की रक्षा के हित अपना लहू बहाया है॥ सर्दी गर्मी बरसात सही पर कर्म नहीं…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… भूत,वर्तमान और भविष्य का,सदा होतीं स्पष्ट चित्र पुस्तकें।सुख और दु:ख में सदा साथ दें,होतीं हैं प्रगाढ़ मित्र पुस्तकें॥ हारते को दिखातीं राह…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ जीवन से बढ़ इस जगती में,कोई मीठा गान नहीं है। गीतकार है नियति सनातन,और गीत है अपना जीवन।गाते जाओ इस जीवन को,गायक बन कर ऐ जग चेतन।सुनने को…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जल ढलानों को बहे ये न शिखर को जाने।जल ही जीवन है मगर कद्र न जीवन माने।जल ढलानों पे बहे प्यार धरातल को दे,इस…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ माँ से माँगो आशीष हम सबके लिये।दूर करो माँ बंदिश हम सबके लिये।अपने ही घर कैद होकर रह गए,घूमने की हो ख़्वाहिश हम सबके लिये। माँ है भगवान,सभी…