खूबसूरत इश्क़

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* हो अगर इश्क़ खूबसूरत तो, फिर क्यों ना मुस्कायें।दिल अगर दिल से मिल जाए, तो फिर क्यूँ न मुस्कायें।। इस दुनिया से मैं टकरा जाऊँ,…

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ऐसे दीप जलाएँ हम

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अँधियारा मिट जाए, ऐसे दीप जलाएँ हम।सब ख़ुश हो जाएँ, ऐसे समरस हो जाएँ हम॥ छोड़ दें अब तो लालच का साया,स्वार्थ से कभी क्या कुछ मिल…

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परिवार को सजा लो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२ २ १ २ १ २ २ २ २ १ २ १ २ २.... परिवार को सजा लो, संसार भी सजेगा।अभिसार जिन्दगी को, 'रब' से…

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मिलें प्रभु जी कभी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचना शिल्प: १२२२-१२२२-१२२२-१२२२ मिलें प्रभु जी कभी दर्शन, सजेगा भी तभी जीवन।दिखें सबको विधाता तो, खिलेंगे साँस में उपवन॥ मिला करते विधाता पर, नहीं पहचान…

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मैं भव से तर पाऊँ

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मेरी अभिलाषा जीवन में, प्रभु दर्शन सुख पाऊँ।दुर्गुण लक्षण मिट जाएं, मैं शुभ गुण से सज जाऊँ॥ मैं अपने सम्बोधन से, सम्बंधों को रच पाऊँ,हर…

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आसमां की उड़ान

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* आसमां की उड़ानों तक, सपने बुनेंगें।सितारे अब अपनी, कहानी सुनेंगे॥ चाँद ठहरा नहीं, यूँ ही चलता रहा,रोशनी के संग-संग, दमकता रहा।तूफानी ये बादल, कभी फिर…

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देता है गगन किरणें…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* देता है गगन किरणें, क्यों रहना अंधेरों में।तू खुद को सजा जीवन, सब कुछ है सबेरों में॥ दाता ने रची दुनिया, इसमें ही बसे जीवन,जीवन…

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सजी हुई शुभ रात

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* जगमग जीवन ज्योति (दीपावली विशेष)... आई शुभ दीपावली, सजी हुई शुभ रात।आपस में सब करने लगे त्योहारों की बात॥ द्वार पर घर आँगने में, सज…

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दीप अभिवंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जगमग जीवन ज्योति (दीपावली विशेष)... लघु दीपक है दिव्य आज तो, उससे अब तम हारा है।जगमग जीवन ज्योति सुहाती, अभिवंदित उजियारा है॥ माटी की नन्हीं काया…

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दीप जलाओ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मन में तुम यदि दीप जलाओ, तो मिट जाये उलझन।व्यथा, वेदनाएँ सब मृत हों, भरे हर्ष से जीवन॥ दीप दिखाता मानवता-पथ, रीति-नीति सिखलाता।साँच-झूठ में भेद बताता,…

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