सूनी राह

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ सूनी-सूनी राह,नहीं है आना-जाना।सन्नाटा चहुँओर,बीत-सा रहा जमाना॥गलियाँ सारी बंद,सभी घर के है अंदर।खिड़की ताँके लोग,लगे जैसे हो बंदर॥ ‘कोरोना’ का खौफ,लोग डरते हैं सारे।सर्दी खाँसी छींक,सभी इससे है हारे॥करो सही उपचार,हार ना ऐसे मानो।मुश्किल होगी दूर,स्वयं खुद को पहचानो॥ स्कूल कॉलेज बन्द,हाथ मोबाइल पकड़े।खेले वीडियो गेम,साथ में बच्चे झगड़े॥बैठे … Read more

पिताजी का साथ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है।शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है॥ नींव होते हैं पिता संस्कार है।एकता समभाव निर्मल प्यार है॥ आस है विश्वास सुंदर भावना।दे सदा खुशियाँ हमें शुभ कामना॥ स्वर्ग से बढ़कर पिता का प्यार है।मार्गदर्शन दे शुभम आधार है॥ प्रेम अरु आशीष शुभ वरदान दे।शुभ पिता … Read more

नया सवेरा आएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:मात्राभार-३०,यति-१६-१४,पदांत-२२२ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ भुगता है बीते वर्षों से,इसने डेरा डाला है।अब भी इसके रूप निराले,समग्र जग को घेरा है॥प्रभावशाली टीके से अब,यह कोरोना हारेगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली … Read more

हरीतिमा हर दिशा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** रचनाशिल्प:मात्राभार -२८(१६/१२),यति-२२ वर्षा आई रिमझिम-रिमझिम,ले आई हरियाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ घटा घनन-घन घिर-घिर आए,चम-चम चपला चमके।झम-झम झरती झर-झर वर्षा,दामिनी दम-दम दमके।हरीतिमा हर दिशा सुहाई,बहता जल नद-नाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ शैल सुहाने सुंदर शिखरों,से झर-झरने झरते।मधुर मनोहर मोहक मंगल,मधुबन मधुरस भरते।बनी वाटिका विमल बिरंगी,मधु … Read more

भोलापन

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ भोलापन का लिये चेहरा,घूम रहे सब लोग।गलती सभी छुपाकर बैठे,बढ़ जाते फिर रोग॥ समझ न पाये कोई जग में,चलते अपने चाल।पीछे पीठ चलाते गोली,फिर पूछे क्या हाल॥ भोले-भाले बनते सारे,कोई समझ न पाय।अपने ही जब दुश्मन निकले,देख सभी डर जाय॥ विडम्बना ये कैसी आयी,मानव बदले रंग।खुशियाँ सारी लुट गयी … Read more

दीपक

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तम से लड़ा प्रतिपल रहा,चुपचाप दीपक जल रहा। लूटा उजाला जग सदातल तम समेटे ढल रहा। हो थरथरी लौ पुंज मेंछाया तनिक हलचल रहा। आलोक दे ले कालिमासंभल हवा अविचल रहा। बाती रहे तक की वफाना साथ बिन क्षण भर रहा॥ परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप … Read more

कबीरदास

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* शुभ कबीर कविराज,जगत के है उजियारा।नेक दिया संदेश,मिटाया मन अँधियारा॥कासी रहा निवास,बोल नित सत गुण भाषा।बोले संत कबीर,सत्य ही मन परिभाषा॥ गुरुवर रामानंद,कबीर सत् पथ अपनाए।करके जनकल्याण,काव्यधारा शुभ लाए॥शब्द-शब्द को तोल,दिया है सुंदर बानी।जानें संत कबीर,श्रेष्ठ कहलाते ज्ञानी॥ सुंदर रखकर ध्येय,ज्ञान जग में फैलाए।भक्तिकाल कविराज,सृजन अंर्तमन भाए॥सरल सहज थे बोल,छंद की … Read more

खूब मजे करते थे हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. एक पुरानी साईकिल थी,खूब मजे करते थे हम।लिये पिता जी जब छोटे थे,चलने से डरते थे हम॥ आज इसे हम रखें सहेजें,अपने घर के आँगन में।कभी बेचने की नहिं सोची,पल भर भी अपने मन में॥भाई-भाई कभी झगड़ते,चाहत में मरते थे हम।एक पुरानी साईकिल … Read more

जीवन तो बस पेड़ जहाँ है

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष….. आक्सीजन की मारा मारी। जीवन पर पड़ता है भारी।मानुष का नित रोना-धोना। दुश्मन बनता ये कोरोना॥ लोभ मोह निज हृदय बसाता। वृक्ष काटकर सुख को पाता।उजड़े देखो जंगल झाड़ी। कौन लगाता है अब बाड़ी॥ जीवन तो बस पेड़ जहाँ है। आक्सीजन बस मिले वहाँ है।आज सबक जन को … Read more

श्रमजीवी हैं मूक-बधिर

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** मूक-बधिर जन श्रमजीवी हैं,हो शुभकामना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ बुद्धि तेज अति भाव विचारक,उनको साथ दें।क्षमता करना उनसे मुश्किल,बस सह हाथ दें॥चलें साथ में लेकर जग में,करें नहीं मना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ मूक-बधिर जन श्रमजीवी हैं,हो शुभकामना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ परिचय-डॉ.धाराबल्लभ पांडेय का … Read more