बांसुरी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:८८८७ वर्ण,क्रमश:प्रति चरण,४ चरण- समतुकांत। मधुर मुस्कान लिये,अधरों में तान लिये,बाँसुरी बजाय रहे,राधा को निहारे हैं। ग्वाल-बाल सखा सभी,गोपियाँ भी आयी तभी,मुरली की तान सुन,नाच…

0 Comments

मेरा विद्यार्थी जीवन और रचना धर्मिता

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** मेरा विद्यार्थी जीवन स्पर्धा विशेष …….. पिताजी यद्यपि अपने समय के कक्षा ४ उत्तीर्ण थे,फिर भी उनकी गणित बहुत अच्छा था।विद्यालय घर से दूर होने के…

0 Comments

नया सवेरा आएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:मात्राभार-३०,यति-१६-१४,पदांत-२२२ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ भुगता है बीते वर्षों से,इसने डेरा डाला है।अब भी इसके रूप…

0 Comments

हालात

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** नदी का किनारा किसे तारता है।कहाँ है हमारी दिशा क्या पता है। बचाएं सभी को निभाएं सहारा,हमारा-तुम्हारा यही वास्ता है। भँवर में फँसे हैं तो कैसे…

0 Comments

जीवन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ रचनाशिल्प:चौपाई आधारित १६-१६ मात्रा तू ही जग का भाग्य विधाता।जीवन की रक्षा कर दाता॥ तेरी महिमा अनंत भगवन।तू ही छिपा हुआ अंतर्मन॥आज हरो दु:ख जग संजाता।जीवन…

0 Comments

महारोग

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ रचनाशिल्प:२२११ २२११ २२११ २२ लाचार बड़ा आज महा रोग डराए।सोचे कि सभी रोग भरी मौत हराए॥संकट बहुत बड़ा इसको आज भगाएं।सारे जग में साथ सभी लोग…

0 Comments

होली के रंग में

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… होली के रंग में रंग जाएं आज।चलो खेलें मिल-जुल के हम होली आज॥ कलुष कुटिलता मन से हटायें,राग-द्वेष सारे मन…

0 Comments

अपना विश्वास जगाना है

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… आज स्वयं नारी को भी निज,शौर्य लिये जगना होगा।स्वाभिमान का अस्त्र लिए निज,हिम्मत से जीना होगा॥ भारत का इतिहास रहा यह,लिखी कहानी…

0 Comments

मातृभाषा आदमी के संस्कारों की संवाहक

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. मातृभाषा शब्द की पृष्ठभूमि-मातृ शब्द का अर्थ माँ और मातृभाषा का शाब्दिक अर्थ माता की भाषा होता है, परंतु मातृभाषा शब्द…

0 Comments

हमारे रहोगे दयानाथ हे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ हमारे रहोगे दयानाथ हे।कृपासिंधु तुम हो जगन्नाथ हे।तुम्हारे सहारे लगी आस है।तुम्हारा जपूँ नाम विश्वास है॥ बनाए तुम्हीं ने दिवस रात हैं।सितारे गगन में चमकते रहें।कुसुम…

0 Comments