यथार्थी छंद विधान 

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:१८ वर्ण, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो,९, १८ वें वर्ण पर यति अनिवार्य मगण मगण सगण, भगण भगण मगण २२२ २२२ ११२, २११ २११ २२२ जो…

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मालती छंद विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:६ वर्ण, प्रति चरण ४ चरण, २-२ सम तुकांत हो जगण जगण १२१ १२१... उठो रण धीर।चलो सब वीर।करें बलिदान।निभे अरमान। करे रिपु घात।सहे रज मात।चले अभियान।मिटे अभिमान।…

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मेरे साँवरिया सरकार

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** लगा रहता उसी में दिल किया जादू कि टोना है।बहुत प्यारा अनोखा मुख बदन श्यामल सलोना है। न मानूँ मैं किसी की बात को, मत रोकना मुझको,मेरा…

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राजहंसी छंद विधान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** रचनाशिल्प:११ वर्ण, प्रति चरण, ४ चरण, दो-दो समतुकांत, नगण रगण रगण लघु गुरु १११ २१२ २१२ १ २ जगत शांति के गीत गाइए।मनुज मानवी प्रीत पाइए।मन विकार को…

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हरी-भरी हो ये धरती

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प-८+८+६=२२ चरणांत-१ १ २) सब 'धरा' रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)... वृक्ष लगाओ, हरी-भरी हो, ये धरती।नीर बचाओ, नदियाँ सब, जल भरती॥चिड़िया बोले, डाली डाली, पिक…

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संत सुंदरदास

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** सुन्दर छंद विधान, रचनाशिल्प-८ वर्ण, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो, मगण भगण गुरु लघु २२२ २११ २ १/.. दौसा के सुन्दर दास।दादू के भक्त सुभास।माने साहित्य…

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महा दुर्ग चित्तौड़

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** मापनी आधारित एकलिंग छंद (दण्डक) विधान, रचनाशिल्प-४६ मात्रा, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो, १२, २४, ३५, ४६ वीं मात्रा पर यति अनिवार्य है। चरणांत गुरु (२)…

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किससे कहें, कौन सुनेगा…?

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पल-पल शोर करे जियरा फिर भी हम तो थिर मौन रहे,हलचल भीतर में अति लेकिन छोड़ हटा, अब कौन कहे ? लिख-लिख कागद स्याह हुआ मन पृष्ठ…

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पहले मतदान, फिर जलपान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* देखो तो चुनाव है आया, करें सभी मतदान।पहले अपना कर्म निभाएँ, फिर ही हो जलपान॥ अब चुनाव तो पावन आया, जाएँ सब ही जाग।रखना सबको वोटिंग…

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दारुण जन

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** दारुण जन के पीर पर, सदा लगाए मर्म।मानवता की राह पर, श्रेष्ठ यही है धर्म॥श्रेष्ठ यही है धर्म, हृदय से सोचें उत्तम।दु:ख पीड़ा को देख, लगावें…

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