लगे सुंदरी नार
डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* कंगन हाथों में सजे, लगे सुन्दरी नार।चमक रही नवयौवना, खुश करती भरतार॥ पायल पहने कामिनी, छन-छन करती चाल।हिय में उठती हूक सी, हाल करे बेहाल॥ बिंदिया सजती भाल पे,भरे माँग सिंदूर।करती सभी सुहागिनें, अलंकरण भरपूर॥ काजल आँखों में लगा, करे नैन कजरार।मृगनयनी बनके करे, आकर्षित हर नार॥ बिंदी पायल कंगना, … Read more