नारी रूप अपार
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नवदुर्गा नवशक्ति है, सुता वधू प्रिय अम्ब।लज्जा श्रद्धा पतिव्रता, नारी जग अवलम्ब॥ करुणा ममता हिय दया, क्षमा प्रेम आगार।प्रतिमा नित सम्वेदना, नारी रूप अपार॥ तू जननी जगदम्बिका, उर सिंचित सन्तान।रूपमती गुण कर्म से, बहना प्रीत महान॥ छायांचल वात्सल्य से, हरती सन्तति ताप।हाथ प्रेम सिर फेरती, पावन शीतल आप॥ नारी … Read more