उठा सुदर्शन चक्र फिर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** यायावर समझो सरित,तीर जलधि हो दूर।प्रवहमान सत कर्मपथ,कभी न हो मज़बूर॥ पारस मणि है आत्मबल,पाञ्चजन्य है धीर।साहस है रक्षा कवच,जीवन रण गंभीर॥ शरशय्या पर…

Comments Off on उठा सुदर्शन चक्र फिर

फैला दो माँ फिर उजियार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** नवरात्र विशेष..... दुर्गा माँ तुम आ गईं,हरने को हर पाप।संभव सब कुछ आपको,तेरा अतुलित ताप॥ बढ़ता ही अब जा रहा,जग में नित अँधियार।फैला दो माँ…

Comments Off on फैला दो माँ फिर उजियार

मार्ग अहिंसा विजय पथ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** सत्य-अहिंसा नीति रथ,आज़ादी की क्रान्ति।बुद्ध जैन गाँधी तिलक,कोटि-कोटि पथ शान्ति॥ शील त्याग गुण कर्म का,मानक था जो लोक।सत्य-अहिंसा सारथी,गाँधी थे आलोक॥ सत्य-अहिंसा प्रीत बिन,भौतिक…

Comments Off on मार्ग अहिंसा विजय पथ

तर्पण करो,पाओ आशीष

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************** पितृ पक्ष विशेष...... तर्पण पुरखों का करो,पाओ तुम आशीष।नहीं झुकेगा शीश प्रिय,दया करें जगदीश॥ पुरखे मंगल भाव रख,आते हैं इहलोक।तर्पण से पा नेह वे,परे हटाते…

Comments Off on तर्पण करो,पाओ आशीष

बड़ा बहादुर लाल था

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************** अंतर्मन स्वाधीनता,सत्य अहिंसा मंत्र।शास्त्री गांधी शिष्य गुरु,हिला ब्रिटिश खल तंत्र॥ तन मन धन अर्पण वतन,सत्याग्रह पथ क्रांति।आज़ादी अरमान बस,सुख वैभव बल शान्ति॥ मुक्ति मिली…

Comments Off on बड़ा बहादुर लाल था

महात्मा गाँधी

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ बापू तेरे नाम का,बस करते हैं जाप।बातें सच की बोल के,करते नेता पाप॥ सच का चरखा बंद है,झूठों का है शोर।सत्य राह जो भी चले,वो कहलाते चोर॥…

Comments Off on महात्मा गाँधी

चलो बचाऍं नदी हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** जल जीवन अनमोल है,गिरि पयोद नद बन्धु।तरसे नदियाँ जल बिना,जो जीवन रस सिन्धु॥ नदियों का पानी विमल,है जीवन वरदान।पूज्य सदा होतीं जगत,सिंचन खेत ज़हान॥…

Comments Off on चलो बचाऍं नदी हम

तर्पण

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** पितृ पक्ष विशेष...... तर्पण करते हैं सभी,लेकर जौ तिल हाथ।करते हैं सब प्रार्थना,जाते मानव साथ॥ करे स्नान जल्दी सभी,देते हाथों नीर।मीठे मेवा को बना,भोग…

Comments Off on तर्पण

बेटी है उजियार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* बेटी तो कोमल कली,बेटी तो तलवार।बेटी सचमुच धैर्य है,बेटी तो अंगार॥ बेटी है संवेदना,बेटी है आवेश।बेटी तो है लौह सम,बेटी भावावेश॥ बेटी कर्मठता लिये,रचे नवल…

Comments Off on बेटी है उजियार

सुलगे प्रीत उमंग

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** श्रंगार रस.... तन भीगा बरसात में,सुलगे प्रीत उमंग।सजनी तेरी चाह में,हिय में उठे तरंग॥ शीतल पुरवाई चले,रिमझिम गिरे फुहार।याद बहुत आई प्रिये,पायल की झनकार॥ ठिठुरन-सी है देह में,छन्द…

Comments Off on सुलगे प्रीत उमंग