समाधान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* उलझन को सुलझाइए,लेकर सुलझे भाव।जिसके सँग है सादगी,रखता प्रखर प्रभाव॥ उलझन है मन की दशा,नहीं समस्या मान।यह है दुर्बलता-दशा,आज हक़ीक़त जान॥ मन को रख तू नित प्रबल,उलझन होगी दूर।जो रखता ईमान वह,नहीं खो सके नूर॥ उलझन उसको ही डसे,जो सच में डरपोक।कौन लगा सकता यहाँ,साहस पर तो रोक॥ उलझन को … Read more

आशा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* डरकर रुक जाना नहीं,सुन ऐ मेरे मीत।संघर्षों से तू निभा,हर मुश्किल में प्रीत॥ मन को कर तू शक्तिमय,ले हर मुश्किल जीत।काँटों पर गाना सदा,तू फूलों के गीत॥ हर मुश्किल में जब जले,आशाओं के दीप।तब ही मिल पाती सतत्,चलकर विजय समीप॥ मन को कभी न हारना,हरदम रख आवेश।राणा साँगा सा रहे,प्रिय … Read more

सज्जन

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* सज्जनता के रूप में,छलना मत संसार।अपनेपन के ढोंग से,करो नहीं व्यापार॥ सज्जन संगत से सदा,कर चरित्र निर्माण।सदाचार के कर्म से,मिले जगत में त्राण॥ ज्ञान दीप जलता रहे,सज्जन बन तू खास।उर से सारे तम मिटे,मन में भरे उजास॥ सज्जन की पहचान में,करो नहीं तुम भूल।ज्ञान धनिक बनकर सदा,बनो चमन का फूल॥ सज्जन … Read more

फैल रही है ज्योति

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खुशियाँ झोली में लिये,आया यह त्यौहार।गृह गलियाँ चमकत रहे,कूड़े सब भंगार॥ दीपक की लड़ियाँ लगी,फैल रही है ज्योति।रंग सजी मनभावना,रंगोली हर ढ्योति॥ आतिशबाजी हो रहे,सजी पँक्तिमय दीप।दूर रहे रक्षित रहे,ना जा अग्नि समीप॥ पूजे प्रथम गजानना,दाएँ शोभे ऋद्धि।गण गणेश देवी प्रिया,बाएँ बैठी सिद्धि॥ ऋद्धि-सिद्धि के पुत्र हैं,और शुभोशुभ लाभ।कमला रानी प्रिय लगे,कमल … Read more

तुलसी है वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* वृंदा तुलसी रूप में,है सचमुच वरदान।जिस आँगन तुलसी रहे,घर पाए उत्थान॥ तुलसी है आरोग्य निधि,है औषधि का मान।तुलसी पौधा धार्मिक,पर हर घर की शान॥ वृंदा के तप-तेज को,किया विष्णु ने भंग।वृंदा तुलसी बन हुई,हरि-पूजन में संग॥ तुलसी-पूजन हो जहाँ,वहाँ देव का वास।सुख,खुशियाँ पलते वहाँ,रहे दिव्यता-वास॥ माह कार्तिक कर रहा,पावनता-संचार।तुलसी चौरे … Read more

गोधन की महिमा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************ गोवर्धन पावन दिवस,अन्नकूट हरि भोग।ब्रजनंदन पूजन विनत,प्रीति भक्ति मन योग॥ गोधन की पूजा करें,करें धेनु श्रृंगार।अहंकार देवेंद्र का,कृष्ण किया संहार॥ गोधन की महिमा बड़ी,देख कुपित गोपाल।खायी गोधन की शपथ माँ,पूत यशोदा लाल॥ गौ गोबर की अल्पना,रच गोवर्धननाथ।आँगन पूजन हो विनत,कृपासिंधु हरि साथ॥ बना स्वयं निज हाथ से,माधव छप्पन भोग।पूजा … Read more

जलाएँ दीप हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… दीपों की महफ़िल सजी,चहुँदिक् विजयोल्लास।मुदित सुखी धन शान्ति जग,नवजीवन आभास॥ कौशल लौटी जानकी,पटरानी रघुनाथ।दीपक जगमग चहुँ जले,कर स्वागत सिय साथ॥ लखि वैदेही राम को,सज अयोध्या धाम।आलोकित दीपावलि,अभिरंजित अभिराम॥ दीनबंधु अभिराम मन,अरिमर्दन लंकेश।पाप घृणा मद खल जले,अवधराज हर क्लेश॥ अभिनंदन सीता वधू,लखन लाल सौमित्र।सजी थाल … Read more

है सुहाग बहुत बड़ा वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* हर नारी नित माँगती,कायम रहे सुहाग।युगों-युगों पलता रहे,जीवन में अनुराग॥ नारी करवा पूजकर,माँगे यह वरदान।हे! माता देना सदा,पति को जीवनदान॥ नारी की खुशियाँ तभी,जब तक संग सुहाग।बिन सुहाग फुफकारता,तन्हाई का नाग॥ काया का सौंदर्य भी,चाहे सदा सुहाग।वरना हर श्रृंगार तो,हो जाते बेराग॥ सचमुच में अभिशाप है,नारी,बिन सिंदूर।हो जाता उल्लास तब,नारी … Read more

शिक्षा हो सब जन सुलभ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************ संविधान शिक्षा प्रजा,मिला मूल अधिकार।आलोकित शिक्षा मनुज,न्याय त्याग आचार॥ शिक्षा मिले समाज में,संस्कार परिवार।छल कपटी सत्तापरक,राजनीति गद्दार॥ धर्म जाति शिक्षा निहित,लोकतंत्र है आज।रोजगार भी जातिगत,बस नफ़रत आगाज़॥ दर-दर ठोकर खा रहे,शिक्षित उच्च सुपात्र।आरक्षण की मार से,तरुणाहत है गात्र॥ लोकतंत्र हो तब सफल,मिटे जाति अरु धर्म।सम्मानित शिक्षित गुणी,अभिनंदित हो कर्म॥ … Read more

रीति-प्रीति अनुपम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** करवा चौथ विशेष…. रीति-प्रीति अनुपम प्रथा,करवा का उपवास।आज हुआ प्रियतम सफल,प्रिया प्रेम अहसास॥ शतंजीव सारोग्य हो,कीर्ति जगत प्रख्यात।सात जन्म का साजना,प्रीत मिलन सौगात॥ सज़ा थाल कुमकुम फलक,दीप जला ले हाथ।लाल वसन सज आभरण,नवयौवन का साथ॥ रचा हाथ में मेंहदी,बाजुबन्ध सज बाँह।माँग सजा सिन्दूर से,चिर सुहाग मन चाह॥ चारु चरण … Read more