पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती का प्रयास आवश्यक

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ “शादी सात जन्मों का बंधन है…”, “जोड़ियाँ ऊपर से बन कर आती हैं…” वर्तमान समय में ये कहावतें अर्थहीन होती जा रही हैं, क्योंकि दिन-प्रतिदिन तलाक की खबरें हमारे आस-पास सुनाई पड़ती रहती है। रिश्तों में कड़वाहट या दूरियाँ आते ही आपस में गलतफहमियाँ जड़ जमाने लगती हैं और आपसी संवाद कम … Read more

फिर गूंजी ‘जनभाषा में न्याय’ की आवाज

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** एक सामान्य भारतवासी जो कानून की पेचीदगियाँ और राजनीति नहीं जानता, उसके मन में भी एक प्रश्न स्वाभाविक रूप से उठता है कि जब हम १५ अगस्त १९४७ को स्वाधीन हो गए, तब भी मुझे अपने देश में अपनी भाषा में न्याय क्यों नहीं मिलता ? मुझसे कानूनी कागजात पर हस्ताक्षर … Read more

बॉस इस आलवेज राइट!

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** आजकल ऑफिस में काम करने के लिए केवल डिग्री, कम्प्यूटर और फॉर्मल कपड़े काफी नहीं हैं। जो सबसे ज़रूरी चीज है, वह है-बॉस की चापलूसी। और यह साधारण चापलूसी नहीं, यह है बॉस-स्तुति, प्रशंसा-पुराण, और गुणगान-महाकाव्य। यह वह ब्रह्मास्त्र है, जो सालाना मूल्यांकन रेटिंग, अधिक से अधिक बोनस, जब चाहो तब छुट्टी, … Read more

ईरान-इजरायल युद्ध:भारत के हितों पर चोट

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** इजरायल ने ईरान के ‘परमाणु कार्यक्रम ठिकानों’ पर अचानक हमला करके न सिर्फ दुनिया को चौंका दिया है, बल्कि पश्चिमी एशिया के पूरे क्षेत्र को अनिश्चितता, भय, अशांति एवं संकट के भंवर में डाल दिया है। ईरान जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल को करारा जवाब दे रहा है। जहां इस्राइल इन हमलों … Read more

नारी स्वतन्त्रता:मर्यादा बहुत जरूरी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** नारी की स्वतंत्रता किस सीमा तक स्वीकार्य…? इस पर कुछ कहने से पहले नारी की स्वतंत्रता के बारे में कुछ कहना चाहूँगी। गृहस्थी रूपी गाड़ी को खींचने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही उसके २ पहिए हैं। यदि दोनों में असमानता होगी तो गाड़ी ठीक तरह से नहीं चलेगी, इसी लिए … Read more

उपजाऊ भूमि को मरुस्थल होने से बचाना होगा

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखा निवारण दिवस (१७ जून) विशेष… मानव एवं जीव-जंतुओं का जीवन भूमि पर निर्भर है, फिर भी पूरी दुनिया में प्रदूषण, भूमि का दोहन, जलवायु अराजकता और जैव विविधता विनाश का एक जहरीला मिश्रण स्वस्थ भूमि को रेगिस्तान में और सम्पन्न पारिस्थितिकी तंत्र मृत क्षेत्रों में बदल रहा है। … Read more

मातृत्व, साहस और नेतृत्व की अद्वितीय गाथा

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** राजमाता जीजाबाई पुण्यतिथि (१७ जून) विशेष… भारतीय इतिहास की महान विभूतियों में राजमाता जीजाबाई का नाम आदर और श्रद्धा से लिया जाता है। वे केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की जननी ही नहीं थीं, अपितु वे विचार, दृष्टिकोण और एक प्रेरणा की मूर्तिमान अभिव्यक्ति थीं। उनका जीवन मातृत्व, नेतृत्व, राजनीतिक समझ, धार्मिकता और … Read more

हिन्दी:विदेश में सिखाने और सीखने की व्यावहारिक समस्याएं

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** हिंदी भाषा केवल भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। वर्तमान में हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। लगभग ६० करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं, जिनमें से करोड़ों प्रवासी और विदेशी नागरिक हैं। अमेरिका, इंग्लैंड, फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम और ऑस्ट्रेलिया जैसे … Read more

आप जैसे पिता बनना चाहती हूँ…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* यादें…हम चाहें तो भी तुम्हें नहीं भूल सकते..!!तुमने हमें जीना सिखाया,खुश रहना सिखायाजिंदादिल बनाया।बहुत गर्व होता है कि, दुनिया की इतनी भीड़ में ईश्वर ने तुमको हमारे पिता बनाया।तुम्हारा वो फेवरेट-सा रेडियो जब गाना गाता था ना, “पंछी बनूं उड़ते फिरुं”…, हम तुम्हारी आँखों से दुनिया देखने लग जाते थे। तुम्हारे … Read more

न्याय मिलना चाहिए, यह जनभाषा में अधिकार की लड़ाई

प्रवीण कुमार जैनमुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** जनभाषा में न्याय…. डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ जी, सादर नमस्कार।आपने जनभाषा में न्याय के अधिकार को लेकर जो अत्यंत विचारोत्तेजक, तथ्याधारित और संवेदनशील स्वर उठाया है, वह आज के समय की आवश्यकता भी है और भारत की आत्मा की पुकार भी। अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद जैसे व्यक्तित्व, जो संविधान सम्मत, राज्य की … Read more