बदलता दौर

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** इतवार की सुबह-सवेरे तड़के ही कोई रविन्द्र के आँगन से आवाजें लगा रहा था,-"भाई साहब! ओ भाई साहब! चलो चलना है क्या ?""कौन बिरजू है क्या…

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शांति का राज़

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** आश्रम में एक छात्र ने अपने गुरु से कहा,-"गुरुदेव, मैं शांति की तलाश में हूँ, परंतु मन की अशांति से परेशान हूँ।" गुरु ने मुस्कुराते हुए…

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१ गोली ‘पेरासिटामोल’ की!

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** सूरज की लालिमा के साथ आँख खुलते ही बेटी सोनी का ताप देख रीमा सोच में पड़ गई। वक्त के साथ बिगड़ती तबियत देख वह फौरन चौराहे…

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कालू

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... आज फिर ११ वर्षीय कालू उसके पास आकर खड़ा हो गया, बोला-"मैम कोई काम बता दो, जो बोलो वो कर दूंगा…।"एक…

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तूलिका के रंग

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश) *************************************** होली का त्यौहार नजदीक था, राशि सोच रही थी इस बार होली पर क्या किया जाए ?घर में पारिवारिक बीमारी के कारण वैसे ही तंगी…

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निरुत्तर

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* "अरे! शुक्ला जी आप ? कैसे हैं आप ? आप तो 'ईद का चाँद' हो गए हैं। रिटायर क्या हुए, आपके तो दर्शन ही दुर्लभ…

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दादा-पोते का प्यार

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** मनाली जाकर हनीमून मनाने के बाद घर आकर रेनू बहुत खुश थी, पर अभी मेहंदी के रंग के कुछ महीने ही हुए थे कि, एक तरफ सासू…

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काश्वी

ज्योति नरेन्द्र शास्त्रीअलवर (राजस्थान)************************************************* आज राम अपना सब-कुछ गंवा चुका था। ऑफिस, खेत यहाँ तक कि, घर तक को भी बेचने की नौबत आ चुकी थी। अपने हाथों को माथे…

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हमारी बेटी…सुंदरी

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** गोरा चट्टा, छरहरा बदन, टमाटर जैसे गाल, पतली- पतली टांगे, फूंक मारो तो हवा में उड़ जाए। इतराती- इठलाती छोटे-से चेहरे की मासूमियत देख एक स्पर्श से…

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सच्चा मित्र

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** राघव अपनी कक्षा का एक होनहार विद्यार्थी था, सभी शिक्षक उसकी तारीफ़ करते न थकते। सभी कार्यों में निपुण था, लेकिन कहते हैं न कि, ईश्वर…

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