मुझे मत रोको,मत टोको,मुझे आने दो…

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** माँ! मुझे मत रोको,मत टोको, मुझे आने दो। माँ! मैं तुम्हारा ही प्रतिबिंब हूँ, तुम्हारे आदर्शों का ही रूप हूँ। मुझे अपनी भावनाओं को उबारना…

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दिन आ गये…..

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** भूले-बिसरे गीत गाने के दिन आ गयेl समस्त शक्ति दिखाने के दिन आ गयेl माँ बहुत चाहती थी अपनी ब्याही बेटी, अब…

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तेरा ही अंश हूँ

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** माँ मैं तेरा ही अंश हूँ, मुझे इस दुनिया में अब आने दो माँl कुछ नहीं चाहिए, बस प्यार तेरा चाहिए मुझे अपने आँचल में,…

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बहार आते चमन हँसेगा

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** (रचना शिल्प: १२१ १२१ १२१ २२) बहार आते चमन हँसेगा, कली-कली से सुमन खिलेगाl चढ़ा क्षितिज पर लिए चमक जो, भरी दुपहरी भुवन दहेगाl…

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ऐसी क्या गलती की…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिये तो बहुत थे पर, जल कुछ और रहा था। अंधरे में रोशनी, वो ही कर रहा था। अब कैसे पता करें हम ? जिक्र जब…

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नहीं पूर्वजों की सहेजी निशानी

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** शिला की तरह टूटते जा रहे हैं, कि रिश्ते सभी छूटते जा रहे हैंl न दादा के रिश्ते न दादी के रिश्ते, सभी ढो…

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ढल रहा हूँ…

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ***************************************************************************  न मंजिल न रास्ते जाने किस और चल रहा हूँ। ख्वाब अधूरे ही ख्वाब से आज निकल रहा हूँ। आशायें,विश्वास हैं कैसे जीवन जी रहा, उस…

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माँ दरश दिखा जाना…

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* नवरात में आकर के माँ दरश दिखा जाना। नवरात चले जाये,माँ तुम न कभी जानाll पलकों से तेरी मैंया मैं डगर बुहारुँगी, गंगाजल से अंबे…

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ये पागल कौन मुआ है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* जो भी जी चाहे वो मिल जाये,ऐसा भी कहीं हुआ है हवा भी हवा हो जाती है,जिसने तो सबको छुआ हैl राख हो जाती है…

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बेटियाँ

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** एक मजदूर की बेटी, जब स्कूल जाने की इच्छा जताती है उस रात पिता को नींद नहीं आती है, पहुंचाते हुए बेटी को…

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