बिलखता बचपन
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** माँ को भगवान ने छीना, बापू ने घर से निकाला,मेरी सारी आशाओं का, निकला आज दिवालासोचा था कि पढ़ लिखकर, सबको शिक्षित कर दूँगी,अपनी माता का जग में, रोशन मैं नाम करूँगी। दे दिया भाग्य ने धोखा, माँ को ही छीन लिया है,मेरे सारे सपनों को, सपनों में दफन किया हैखाने का … Read more