ऐसी चोट जरूरी है…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मार देता मैं भी,वहाँ चोटउस कील पर,पर मैं इतना करना सका,लोगों ने मुझसे कहा-ऐसी चोट जरूरी है। जमाने में बहुत,लोग ऐसे हैंजो सीधी बातनहीं समझते हैं,इसी लिए उन परऐसी चोट जरूरी है। शहर हो गाँव हो,मतलबी लोग मिलही जातें हैंउनके मुँह में राम,और बगल में छुरी होती हैदेखो भाई,जब जनता … Read more

झूम रही डाली-डाली

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* आये मेघ काले-काले, बड़े हैं ये मतवाले।झूम रही डाली-डाली, देख हरषाइये॥ चहुँ और हरियाली, कोयल बोले है काली।मगन मन ये नाचे, भीग-भीग जाइये॥ खुशियों से झूम जाये, प्रेम सुधा बरसाये।बादलों से प्रतीति की, रीत तो निभाइये॥ सुधा रस बरसे है, मिलन को तरसे हैं।आज प्रियतम मेरे, घर पर आइये॥ परिचय- डॉ. … Read more

भावांजली गणेश जी को

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* सारी दुनिया के जो गुलशन खिलाता,उस गुलशन से कुछ फूल तोड़ लूँहर गुलशन में जो फूल खिलाता,लेकर कुछ उसके चरणों में जोड़ दूँअनंत गुलशन फूल भी अनंत खिला दिए है अनंत ने,अनंत जो दिव्य दिगंत है हर बगिया का माली हैहर बगिया का फूल खिलाकर गाता जो कव्वाली है,खिले-खिले हैं सुंदर … Read more

अरमानों की डोर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खोल डोर चाहत मनुज, उड़ पतंग आकाश।टकराते सपने हृदय, टूटे डोरी आश॥ धेय सफलता व्योम में, मिहनत भरी उड़ान।कट पतंग बाधा विविध, क्षत विक्षत अरमान॥ अरमानों की डोर से, जीवन जुड़े पतंग।संयम धीरज आत्मबल, भरे उड़ान उमंग॥ मिले वक्त जो कुछ क्षणिक, उड़ो पतंग समान।कटे डोर कब ज़िंदगी, है … Read more

इसलिए गोबर के गणेश

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** गोबर गाय का लाते औरबनते थे गोबर के गणेश,कार्य सभी निर्विघ्न पूर्ण होंकटते थे सब कठिन कलेश। चाहे शादी-ब्याह, हो मुंडनया हो पूजा घर-दुकान की,सभी जगह पर पहले पूजाकरते थे गोबर गणेश की। समय ने करवट ली है ऐसीकठिन काम गोबर मिलना,शहरों में अब गाय न दिखतीगोबर कहाँ मिले मेरी बहना। पूजते … Read more

राह दिखाएँ ईश की

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* गरिमामय महिमा कृपा, ज्ञान सिन्धु आचार्य।मातु पिता भाई सखा, पूर्ण शिष्य सब कार्य॥ अखंड चरित गुरु आपका, रूप मण्डलाकार।राह दिखाएँ ईश की, मुक्ति द्वार संसार॥ करूँ वन्दना गुरु चरण, बनूँ चरित इन्सान।समरस सद्भावन हृदय, शिक्षक दे वरदान॥ भर उमंग गुरु ज्ञान मन, फैले जगत प्रकाश।शिक्षा संजीवन मनुज, पूर्ण ज़िंदगी … Read more

गुरुवर तुम्हें प्रणाम

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* शिक्षक दिवस विशेष… ज्ञान दीप मन में जलाए,अंधकार को दूर भगाएप्रणाम ऐसे गुरुवर को,जो उजाला जीवन में कर जाए। सही-गलत का भेद बताए,सत्य राह पर हमें चलाएप्रणाम ऐसे गुरुवर को,जो राहों में फूल बरसाए। पथ प्रदर्शक बन जाए,नैतिकता का पाठ पढ़ाएप्रणाम ऐसे गुरुवर को,जो मंज़िल तक पहुंचाए। मुश्किलों से जब घबराए,लड़ना हमें … Read more

पहाड़ बन गए महांकाल

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* बरखा के बादलों ने खाली कर दी अपनी गगरिया है,खूब हुए अभिषेक धरा पर धुल गई सारी नगरिया हैहरी-हरी सी चादर ओढ़कर इतरा रही सब डगरिया है,ताल, तलैया, पोखर, नदियाँ भर-भर चली सगरिया है। हल्के-हल्के मेघ उड़े हैं कुछ श्वेत श्वेत कुछ मटमैले हैं,सरक रहे अब हौले-हौले नीलिमा से बहते मेघों … Read more

शिक्षक ज्ञान का दीप

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** शिक्षक दिवस विशेष…. शिक्षक ज्ञान का दीप जलाए,जीवन से गहन-तम मिटाएविचलित मन धैर्य बढ़ाए,असत्य से सत्य पथ दिखाए। दुर्गम से सुगम पथ बनाए,विश्वास, विश्लेषण सब सिखाएआत्म सम्मान प्यार सिखाए,हक, फर्ज, धर्म, कर्म सुझाए। जीवन जीने कला सिखाए,भविष्य संवारना सिखाएचुनौतियाँ, लड़ना सिखाए,विकट स्थिति, मार्ग दिखाए। प्राणी मात्र सद्भाव जगाए,सुन्दर सभ्य इंसान … Read more

वाहक सत्य पथ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)**************************** शिक्षक दिवस विशेष… ‘शिक्षक’,उजाला दिखाएज्ञान दीप जलाए,तम मिटाएप्रगति। ‘शिक्षक’,नाम धैर्यवाहक सत्य पथ,सुगम पथकर्तव्य। ‘शिक्षक’,विश्वास करेंसमझाता आत्म सम्मान,धर्म-कर्मभविष्य। ‘शिक्षक’,सँवारे जीवनसिखाए ईमानदारी,मानवता-परिश्रमसदमार्ग। ‘शिक्षक’,सद्भाव जगाएइंसान सभ्य बनाए,रचे चरित्रदेश। ‘शिक्षक’,नहीं दबतास्वच्छ करे सदा,साहस-संयमनिर्भीकता। ‘शिक्षक’,नैतिकता मर्यादाकरता सदा भला,देश प्रथमशीर्ष। ‘शिक्षक’,कट्टर समर्पितसेवक सच्चा मातृभूमि,ज्ञान खजानाप्रेरक। ‘शिक्षक’,चलना सिखाएरोपे सदा संस्कार,प्रेरणा जगाएयोग्यता। ‘शिक्षक’,दृढ़ बनाएनि:स्वार्थ लड़े जग।लड़ना सिखाए,नमन॥