है यह समर भूमि

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* यह समर भूमि है, भारत के जांबाज़ शौर्य दिखलाते हैं,अर्पित करते दुर्लभ जीवन, भारत माँ कर्ज चुकाते हैंहर श्वाँस चले भारत चिन्तन, अभिनंदन भारत…

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सामना कर नहीं पाए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** बड़ी कोशिश लगाई परसामना कर नहीं पाए,हमारी वायु सेना से-मुक़ाबला कर नहीं पाए। मिसाइल छोड़ी थी तुमनेसोच डर जाएगा भारत,हवा में ही उड़ा दी सब-वो नीचे गिर…

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शत्रु पर टूट पड़ते जवान

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** देश की खातिर मेरे सैनिकहो जाते कुर्बान,दुश्मन की छाती पर चढ़ हमला करते मेरे वीर जवानजय जवान, जय किसान, जय विज्ञान नारे में अभिमान,हर शहीद…

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पड़ोसी मत उछल

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* क्यों बे पड़ोसी! आजकल तू बहुत उछल रहा,औकात भुलाकर अपनी, हमें ही आँखें दिखा रहा। क्या भूल गया वो दिन, जब तेरा अस्तित्व न था,अहसान तुझ…

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भरोसा न कीजिए

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* दुश्मन धूर्त चालाक,करता कर्म नापाककरे पीठ पर वार,भरोसा न कीजिए॥ कपटी है चालबाज,करता ये नीच काजसमझे गोली की भाषा,माफी नहीं दीजिए॥ धोखा देता हर पल,इसमें…

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राम चहिए

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मोती की माला में ढूंढ रहे राम,कहाँ मिलोगे मेरे प्रभु राम ?जहां राम नहीं, वहाँ कोई काम नहीं,हमें तो हमारे राम चहिए। बिखरी हुई इस…

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सीख इमली की

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* इमली बहुत शर्मीली है,थोड़ा पतझड़ होते ही ढक लेती है बदन अपनारातों-रात उगा लेती है,नाजुक-नाजुक पल्लवअपनी खुली होती देह पर। कोशिश करती रहती है कहीं,मनचली हवाएं,…

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हम स्वाभिमानी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** हम स्वाभिमान से रहते हैंहम स्वयं में शक्ति रखते हैं,नहीं अन्य देश में घुसते हैं-नहीं व्यर्थ तमाशा करते हैं। वसुधा के हम रखवाले हैंअन्याय न सहने वाले…

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माॅं सम्पूर्ण संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जननी जीवन संजीवनी तेरी महिमा अपरम्पार है,तुम सप्तसिन्धु करुणा धारा, तू माँ सम्पूर्ण संसार हैममता आंचल लिपटे संतति, हो वात्सल्य मुदित सुख सार,मातृत्व प्राप्ति…

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अर्पित कर देती सारी समिधाएं

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* आसमां की अनंत गहराइयों में, खोयी कोई आत्मा जब प्रवेशती है माँ के गर्भ मेंऔर एक दिन निकलती है, गर्भाशय की जमीन चीरती हुईतब पृथ्वी की…

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