सपना पलता है
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* नैनों में सपना पलता है,दिल में छुप कर रहता हैहर रात चुपके से आकर,सन्नाटे में मचलता है।नैनों में सपना पलता है… कभी बचपन की यादें बनकर,कभी-कभी अधूरी ख्वाहिशें बनकरकभी मंजिल की बन तस्वीर,हर रात मुझे वो जगाता है।नैनों में सपना पलता है… कभी आशा का दीपक बनकर,कभी मिलन की आहट बनकरकभी जीवन … Read more