बढ़ता ही जा रहा हूँ

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हर गुजरते वक्त के साथमैं बढ़ता ही जा रहा हूँ,व्यसनों के अम्बार परबेहिसाब चढ़ता ही जा रहा हूँ। आठ-दस फिट कद रहा था कभी मेराआज सौ-पचास से ऊपर जा रहा हूँ,कुदृष्टि भर डाली थी मैंने सीता मैया परअब घिनौना अपराधी बनता जा रहा हूँ। कभी था अत्यंत ज्ञानी पांडित्य पूर्णशिवजी का … Read more

ऋषि वाल्मीकि युगों का मान

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** वाल्मीकि जयंती विशेष… जिसने रची ‘रामायण’ मर्यादा की शान,वह ऋषि वाल्मीकि, युगों-युगों का मान। वन की नीरव गहराइयों में, ज्ञान का दीप जलाया,अंधकार मिटा कर, मानवता का संदेश चलाया। डाकू से ऋषि बने, ये परिवर्तन की गाथा है,संघर्षों में ढूँढ ली, आत्मा की परिभाषा है। कलम ने जब छुआ, सत्य और … Read more

कर्म करते जाएँ

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शरदपूर्णिमा की रात,खीर प्रसादी में अमृत की बूँदेंधीरे-धीरे गिर रही,अमृत मिले ना मिलेहम अपना कर्म करते जाएँ। सकारात्मकता का उत्सव है,शरद पूर्णिमा का यहराधा-कृष्ण रास करते,खीर खाते सब साथहम अपना कर्म करते जाएँ। सुख-दु:ख में साथ नहीं छूटे,राधा-कृष्ण का सदा बना रहे आशीर्वादशरद पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में,संकल्प लें … Read more

रखो निज सभ्यता

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रखो नाज निज सभ्यता, कौशिक यश पुरुषार्थ।गढ़ो नवल व्यक्तित्व को, देश धर्म रक्षार्थ॥ पा पूर्वज धन सम्पदा, करता मनुज गुमान।बना आलसी लत व्यसन, द्वेष कलह शैतान॥ हो कमान मन चपलतम, पौरुष दृढ़ संकल्प।रचो कीर्ति नव सर्जना, जीवन है अत्यल्प॥ मानव पौरुष की प्रभा, स्वयं प्रकट संसार।कुसुमित फलदायक सुरभि, कर्म … Read more

उदित हुआ कोई चाँद

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ उस दिन…तुम मुझे ऐसे लगे, जैसे-सोलह कलाओं से परिपूर्ण,उदित हुआ कोई चाँद है। आए थे…तुम जिस दिन बनकर खास,उसी रात्रि…ब्रह्माण्ड रच रहा था रास,पलकों में झूमी थी, मेरे भी मधु चाँदनी,वर्षों से तन्हा थी, आई थी मधु यामिनी,सजदे में हम ही नहीं, तुम भी झुक गए थे,शरद की चाँदनी में, … Read more

समय अभी अनुकूल

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** समस्याओं से मत घबराना,उन्हें भुनाने में जुट जानाउनमें भी कोई अवसर पाना,एक नई उपलब्धि पाना। दुनिया में जितनी खोज हुईं,या जितनी खोज हो रही हैंउन सबके ही मूल में कोई न कोई समस्या थी।वैज्ञानिकों ने उन्हें चुनौती मान लिया, अवसर में बदलाऔर समाधान मिल गया।इसीलिए तो कहते हैं कि…“मुसीबतें तो आएंगी मगर … Read more

आदर्श सीख राम

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** दशहरा, दशानन पर विजय, दुराचारी नष्ट हुआ,अधर्म, कुकर्म हो पराजय, कुकृत्य सदा नष्ट हुआ। असत्य पर सत्य सदा विजय, अधो-गति,नित-अधम हुआबुराई पर अच्छाई विजय, दशानन मद-चूर हुआ। मर्यादा पुरुषोत्तम राम, लक्ष्मण भ्रातर रूप, भक्तिपितृभक्त, धर्म पथ दृढ़ राम, सिया कर्तव्य पथ, शक्ति। हैं दुश्चरित्र निशाचर रूप, सूर्पनखा भेष लसेअगणित निशाचर … Read more

नारी रूप अनेक

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नारी रूप अनेक है, चिन्ता श्रद्धा लाज।नवदुर्गा नवशक्ति बन, नवधा भक्ति समाज॥ शब्द सरल माने गहन, नारी सत्य स्वरूप।अलंकार नवरस गुणी, नारी अर्थ अनूप॥ शब्द एक संजीवनी, मर्यादित मुख भाष।भावों की संचारिणी, प्रीति शक्ति अभिलाष॥ माया सत्य स्वरूपिणी, शब्द बोल अनमोल।त्रिविधा शक्ति व्यंजना, खुशियाँ सुख-दुख घोल॥ गजब शब्द सम्वेदना, … Read more

मेरे मित्र ‘सुधीर’ बड़े धीर

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )****************************************************** बड़े धीर, सुशील, मित्र मेरे सुधीर,सत्य, निष्ठा, कर्मठता जैसे नीरअद्भुत थे, बजरंग दल के वीर,स्वयं सेवक ऐसे न होते अधीरसंकल्प ऐसे हनुमान-महावीर। विशुद्ध चिंतन, विचारों के अग्नि वीर,चेहरे पर हँसी, गुस्से पर काबू स्थिरसमाजिक चेतना, सेवाभावी तस्वीर,मित्रता मिलती ऐसी जिनकी तकदीरयोग साधना में सदैव जीवित रहें सुधीर। परोपकार पर … Read more

हक़ है…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हक़ है… पूरा हक़ है,इस धरती पर जीने कासबको ही पूरा हक़ है। ये नदी, पहाड़, ये अरण्य घनेरे,ये फूल, तितलियाँ, ये पेड़-पौधेजिसे हम बना नहीं सकतेफिर पूर्ण हक़ हमारा नहीं है,ये इंसानों की जागीर नहीं है। ये चींटी, हाथी, ये पशु-जानवर,ये पंछी, पतंगे, ये नन्हें से कीट सबनहीं मांगते जग … Read more