तू है सृजनकार

डॉ. अमलपुरे सूर्यकांत विश्वनाथरायगढ़ (महाराष्ट्र)***************************************** श्रम आराधना विशेष… है मजदूर तू है सृजनकार,गगन चुम्बी इमारत खड़ी है आपके श्रम पर। घर सबके बनाते हो आप,झोपड़ी में जिंदगी बिताते हो आप। खेत में अनाज उगाते हो आप,घर में दिखता नहीं कोई अनाज का दानाफिर भी खुश रहते हो आप। खाली है आपका पेट, जैसे उपवास रखा … Read more

शोर बहुत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** दायरे और बढ़े ये कोई अच्छा तो नहीं,वो सुधर जाएगा ऐसा कोई वायदा तो नहीं। शहर में शौर है सड़कों पे हैं इंसान बहुत,होने वाला है यहीं आज कोई जलसा तो नहीं। झूठ को सच में बदलना उसे आता ही नहीं,आईना आईना है, उसका कोई अपना तो नहीं। उसने देखा … Read more

कब तक सहेंगे…?

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी… (पहलगाम हमला विशेष)… धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा अब क्यों पीटे ?जब हम शांति पूर्ण, मैत्रीयता का पालन करते आ रहे।ऐसा पाकिस्तान में कहाँ होता ?पहलगाम में हिन्दुओं पर हुए नरसंहार परअब, सभी देश चुप क्यों है ?यह सवाल पहलगाम पूछ रहाआतंक, विनाश और ज़िंदगी को कब तक सहेंगे। … Read more

मैं कामगार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जान मुझे हूँ कामगार मजदूर समझ ले मुझको,कर्मवीर मैं श्रमिकवीर हूँ, स्वाभिमान समझ ले मुझको। शिथिल गात्र और ढंसा गर्त नैनाश्रु समझ ले मुझको,है क्षुधार्त जठरानल तपते तृषार्त समझ ले मुझको। गठरी कुदाल ले ढाल बना बदहाल समझ ले मुझको,सड़क पड़ा चीथड़ों में लिपटा लाचार समझ ले मुझको। लावारिस … Read more

आतंक के विरुद्ध अब निर्णायक युद्ध हो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… क्यों चीखे गूँजी घाटी में सिंह नाद करना होगा,निर्दोषों का क्यूँ खून बहा, शंखनाद करना होगातेरी गीदड वाली धमकी से तो हम नही डरने वाले,तेरी नीची करतूतों से हम नहीं मरने वाले। निर्मम क्रूर विध्वंस किया है, उनकी आँखों के आगे,सिंदूर उजाडा माँगों … Read more

वो जीवट पुतले

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हमारे सपनों का घरौंदा जो मेहनत से बनाते हैं,बड़ी-बड़ी इमारतों को धरती पर साकार करते हैंकागज़ पर अदभुत-सा नक्शा तो आप बनाते हो,पथरीली जमीन पर उसे श्रमिक आकार देते हैं। बारिश में भीगते तल्लीन से लगे रहते हैं,मौसम की मार से बेखबर कर्म करते हैंकर्म के प्रति उनकी ऐसी जुझारू प्रवत्ति,जैसे … Read more

देशद्रोहिता सहन न होगी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… घर का भेदी लंका ढाए, बात सही है,उसको तो अब मारा जाए, बात सही है। देशद्रोहिता सहन न होगी, कुछ तो करना होगा,जो भी दुश्मन छिपे देश में, उनको मरना होगा। और नहीं हम सहन करेंगे, ताक़त अब दिखलाएंगे,जो भी भेदी मौज मनाते, … Read more

हे! जल-दूत कह दो जा के…

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… भारत का इतिहास रहा,झेलम (जल) से न कोई वंचित रहाखून की होली खेली उसने फिर आज,जल को किया हमने बन्द आजलहर उठी नफरत की फिर आज,बच्चों के मन में भी ठेस लगी गहरी आज। वो दौर लौट आया! फिर,आँधी-तूफान की तरहभारत छोड़ो … Read more

मन के भाव

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** सपने नित नए जगने लगे हैं।मन के भाव गुनगुनाने लगे है। आने वाला था वो नहीं आया,कमल के फूल कुम्हलाने लगे हैं। ये उदासी के अंधेरे और तन्हाई,अब मेरे ख्वाब मुरझाने लगे हैं। जिसको देखो वही उदास है अब,हम पे जो बीती उसे भुलाने लगे हैं। उसके आने की है … Read more

प्रतिकार ज़रूरी है

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** पहलगाम में हुआ हादसामचा दिया कोहराम वहाँ,नरभक्षी आतंक फैलाने-क्रूर, दरिंदे कुछ गए जहाँ। गए घूमने थे सब ख़ुश होकितनों के घर ध्वंस किए,गोली तक-तक कर थी मारी-‘जाति’ पूछ आघात किए। बहा रक्त उस दिन जोनरसंहार अक्षम्य किया,कहता धर्म न सहो अनीति-बदले का संकल्प लिया। कैसे भूले देश ये घटनादेश पर जिसने चोट … Read more