राममय अयोध्या

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** 'रामनवमी (६ अप्रैल) विशेष... 'राम',आई 'रामनवमी'जन्मे हैं राम,राममय अयोध्याहर्षित। 'राम',आदर्श जीवनपुत्र-पिता-पति,कण-कणराम। 'राम',त्यागी जीवनसदियों से गूँज,सारे रिश्तेअनुपम। 'राम',श्याम वर्णकरूणा से भरपूर,पालक हृदयराघव। 'राम',मित्रता निभाईहनुमान हृदय राम,आशीष बरसेप्रभु।…

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बसंत रंग गया कुम्भ रंग में

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* झूमी पवन आया बसंत, बारह वर्ष तपे थे प्रान,मैं बनूँ पंच प्रसुन बान, तुम अनंग बन गाओ गान। यह कुम्भ और यह मधुमास, उत्सव का यह चरमोत्कर्ष,आध्यात्म…

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ओस की बूँदें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हरी घास पर ओस की बूँदें, भाती हैं।नया सबेरा, नया सँदेशा, लाती हैं॥ सूरज निकले, नवल एक इतिहास रचे,ओस की बूँदें टाटा करके जाती हैं॥ प्रकृति…

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धरती का स्पंदन लिख

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** माथ ढूॅंढता चंदन लिख।करे तिरंगा वंदन लिख॥ पगडंडी की सिसकी पढ़।बाट जोहती विरहन लिख॥ प्रेम अपरिमित अनगढ़ है।कृष्ण-राधिका बंधन लिख॥ जीवन-नेत्र छलकते हैं।मत सपनों का कम्पन…

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मैं अल्प बुद्धि…

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* हे! पाप हरण शिव शंकर जी मैं अल्प बुद्धि महिमा गाऊं।कर पाए देव न मिल वर्णित कैसे मैं वर्णन कर पाऊं॥ अपनी-अपनी बुद्धि स्तर…

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आया आषाढ़

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** भीगा तन मन आँगना, भीगा बाट दुआर।आया माह असाढ़ का, पहली पड़ी फुहार॥ धरती थी सूखी हुयी, दर्रों की भरमार।भेजा द्रवित नीर-निधि, हो कर घन उपहार॥ हड़बड़…

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लोकतंत्र का सार लिखें

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** लोकतंत्र का पर्व है आया, जनहित पथ उत्थान लिखें।कविवर देशहितों को लिख दें, क्या है इसका मान लिखें॥ रोजगार की मारामारी युवा, भटकते नित आज है।पढ़…

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गुरु वंदन

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** गुरु हमारे श्रेष्ठ जग में, भाव वंदन कीजिए।ज्ञान अविरल है बहाते, चरण मस्तक लीजिए।दे रहे शिक्षा हमें नित, अपने सुंदर ध्येय से।भाग्य सबका ये गढ़े है,…

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बुढ़ापा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गुज़रा ज़माना नहीं, वर्तमान भी होता है बुढ़ापा,सचमुच में चाहतें, अरमान भी होता है बुढ़ापा। केवल पीड़ा, उपेक्षा, दर्द, ग़म ही नहीं,असीमित, अथाह सम्मान भी होता…

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बढ़ते जाना

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** जीवन है अनमोल, निरंतर बढ़ते जाना।कंटक पथ में देख, सभी को सहते जाना॥ सच्चे पथ की राह कठिन होती है हरपल।जिज्ञासा का भाव सदा हिय धरते जाना॥…

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