दुःख में भी मुस्काना सीखो
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** दुःख में भी मुस्काना सीखो, ये रहने न पायेगा,रात अंधेरी ढल जाएगी, सुख सूरज मुस्काएगा। दुःख है तो घबराना कैसा, आती-जाती छाँव है ये,सच की छाया…