त्योहार के बाद का खालीपन

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** दीपक बुझे,धुआँ खोता खुशबूरात रो पड़ी। रंग उतरे,आँगन सूना बोलादम ठिठके। छत अकेली,एक दीया है बुझास्मृति चमकी। सड़कें सूनी,ढोलक गूँज गईधूल ही नाची। पेड़ों के नीचे,गिरे कागज़ फूलमौन बिछा है। मीठी बातों का,स्वाद है फीका पड़ाचाय अकेली। बदले बच्चे,फुलझड़ियाँ सोईंआँगन ठंडा। शहर थका,बिजली सुस्त हुईनींद गहरी। मन खाली है,जैसे गीत अधूरासुर भटके। … Read more

नए युग का नया सबेरा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अभिनंदन स्वागत करते हम,युवाशक्ति नव तकनीक हमारानयी सोच नव विकसित भारत,नये युग का नया सबेरा। भरो उमंगें प्रोत्साहन मन,सत्पथ धारा पौरुष यौवनखिले अरुणिमा नव विहान में,भारत उद्यम युवा सहारा। शिक्षा पद्धति बहुत उन्नत,विकसित डिजीटली सहारासंगणकों गूगल पट शोभित,ज्ञान जलधि बहु विज्ञानी धारा। तकनीकों रोबोट यंत्र में कृषि,शौर्य बल युव … Read more

ज्ञान का दर्पण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ज्ञान का दर्पण कर रहा, खुशियों की जयकार।नीति, सत्य अरु धर्म से, पलता है उजियार॥ ज्ञान का दर्पण चेतना, दीपक का संदेश।कितना भी सामर्थ्य पर, रहे मनुज का वेश॥ ज्ञान का दर्पण कह रहा, करना मत अभिमान।दीपक करने आ गया, आज तिमिर-अवसान॥ ज्ञान का दर्पण साधता, खुशियों का आवेश।विनत भाव से … Read more

रोम-रोम पुलकित

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भक्ति शक्ति की मीत है, प्रीति गीत संगीत।रोम-रोम पुलकित प्रगति, भारत चहुँ नवनीत॥ देशभक्ति माला जपो, जपो कीर्ति बलिदान।राम राज्य उन्नत वतन, राम नाम यश गान॥ मर्यादित जीवन चरित, पितृभक्ति पहचान।शील त्याग करुणा क्षमा, राम चन्द्र भगवान॥ राम चरित आदर्श हो, युवा वयस आचार।शील त्याग गुण कर्म पथ,प्रगति राष्ट्र … Read more

घर-घर चहके

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* दीप जलें, मन महके… लिपे-पुते घर के अंगना मेंनन्हें बच्चों के झुंड चहके,दीपावली की स्याह रात मेंदीप जले और मन महके। रंगोली के चटक रंगों सेसबके घर के द्वार सजे,गेंदा, गुलाब की खुशबू सेमन महके और दीप जले। छूटी फुलझड़ियाँ गलियों मेंचकरी झर-झर घूम रही,दरवाजे की ओट से बहुएंघुँघटा ओढ़े झांक … Read more

भाई दूज ‘भाई-बहन सम्मान’

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भाई बहिना पर्व मधुरतम, भ्रातृद्वितीया आज मनायेंपर्व सनातन धर्म स्वस्ति शुभ, स्नेहिल रीति समाज सजायें। मानसरोवर प्रेम क्षीर जल, अवगाहन आनंद समझ लेंभाई-बहना है हर्षित मन, रिश्तों की खुशबू महकायें। कच्चा धागा समझ प्रेम का, पक्का धागा प्रीत बनायेंबहिना भाई मिलन सहोदर, अपनापन नवनीत बनायें। रिश्ता ममता बहिन भाई … Read more

एक दोस्त नज़र आया

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* महफ़िल में जाकर बैठेतो शोर सुनाई आया,झील के किनारे किसी नेबंसी का मधुर स्वर सुनाया। दूर से देखा तोसब झूठ नज़र आया,पास जाकर खोजा तोसच्चाई का मोती पाया। अमावस की स्याह रात के बादआसमां पर चाँद का प्रकाश छाया,धीरे-धीरे उदास चेहरे पर नूर उतर आया,रंगीन सितारों-सा झिलमिलाया। तपती धरती और तेज … Read more

मैया का हो जयकारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* छठ पूजा विशेष…. छठ पूजा के पल पुष्पित हैं, रवि को नमन् करें,हर विकार जो अंतर में है, उसका दहन करें।मैया छठ की करुणा लेकर, निज जीवन महकाएँ-दुख, पीड़ा और शोक हरण कर, ग़म का शमन करें॥ फूल और फल, सजा मिठाई, मंगल गान करें,रीति, नीति, अच्छाई लेकर, सबका मान करें।हर्ष … Read more

रोज-रोज अग्नि परीक्षा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** रोज-रोज मेरी अग्नि परीक्षा क्यों लेता भगवान ?जबकि मेरी समस्याओं से नहीं है तू अनजानयह भी तुझे पता है कि हम कभी नहीं घबराते,बड़ी-बड़ी बाधाओं से भी हम टक्कर ले पातेतेरी परीक्षाओं से मैं बना अधिक बलवान,इन्हीं परीक्षाओं से शायद, हो मेरा भी नाम। विश्वामित्र ने हरिश्चंद्र की अग्नि परीक्षा ली थी,और … Read more

यूँ सजा के चराग़

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** उमीद के रखें हम दिल में यूँ सजा के चराग़।हवा में जैसे रखे जाते हैं जला के चराग़। सभी के हक़ में दुआ आइए यही मांगें,वबा ये अब न बुझाए किसी बक़ा के चराग़। इसी के रहम-ओ-करम पर है ज़िंदगी इनकी,जलें-बुझें कहाँ मर्ज़ी बिना हवा के चराग़। हो अज़्म … Read more