कड़ी अनुपम

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** भाई-बहन,पावन रीति पर्व-स्नेह मिलन। प्रेम सकल,कड़ी तो अनुपम-रिश्ता अटल। आनंद मन,बहिन भाई खुशी-रक्षा बहन। मन हर्षित,खुशी अद्भुत सुख-सब गर्वित। गजब डोर,वचन भाई रक्षा-मंगल ठौर। करो संकल्प,निभाना सदा भाव-नहीं ‘विकल्प’। ममता मान,खिले सुरभि मन-भाल सम्मान॥

तम हटेगा, मन जुड़ेगा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** दीपावली विशेष… मन मुस्काएँ,मिटाना मन मैल-दीप जलाएँ। दीप बहार,चलो, रंग दिवाली-खुशी त्योहार। घर रोशन,हर चमके कोना-रंग-रोगन। पावन दिन,रहे सब खुशियाँ-लालच बिन। लक्ष्मी प्रवेश-शुभ करें पूजन-चहके देश। ज्योति दिवाली,जगमग आ गई-पूजन थाली। साफ-सफाई,रंग दीप-पटाखे-फूल मिठाई। तम हटेगा,घर रोशन दीप-मन जुड़ेगा। धर्म-संस्कृति,मनवा नाचे खुशी-भगा विकृति। कर मदद,थाम गरीब हाथ-बन निडर। मना दिवाली,मिठाई बाँटें खुशी-हो … Read more

दीपक

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** दर्द घनेरा,ऊपर ज्योति पुंज-तल अंधेरा। तम नाशक,भू योद्धा प्रथम हूँ-मैं दीपक हूँ। माटी में बाती,तेल सिंधु तैरती-आलोक वती। रोली रंगोली,शुभ आगम पर्व-दीए की बोली। मन हो चंगा,एकमेव पावन-दीप पतंगा। मनभावन,टिम-टिम-टिम ये-तारों का साथी॥ परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में … Read more

देश की शान

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जन्मदिन विशेष.. नाम ‘कलाम’,बहुत याद आएं-अनेक काम। रहे सरल,अंजाम बड़ी योजना-किया अमल। रहे निडर,मंत्र सबको दिया-बनो प्रखर। कलम धनी,पहुंचे धरा-नभ-बेहद गुणी। काम कमाल,वो ‘मिसाईल मैन’-किया निहाल। काम यकीन,पहले देश प्रेम-खोज कठिन। ज्ञान-विज्ञान,मित्रता रखी बाल-मनु महान। तेज कुशल,रखा दूर स्वार्थ-पद सफल॥

हिंदी को दिया विस्तार

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मुंशी प्रेमचंद पुण्यतिथि विशेष… रचा ‘गोदान’,महा लेखक मुंशी-प्रेरक ज्ञान। कथा सम्राट,लिखा ही क्रांतिकारी-फकीरी ठाठ। दिक्कत गढ़ी,रहा लेखन दर्द-कलम बड़ी। ‘सेवासदन’,प्रतिभा ऊर्दू-हिंदी-करूं वंदन। लेखनी वार-नहीं प्रमोद बस-कुरीति वार। वर्ग शोषित,लिखा खूब निडर-किया प्रेरित। दे ‘बूढ़ी काकी’,किया लोक सुधार-बनाई ‘झाँकी।’ रचा ‘सम्राट’,‘ईदगाह’ से ज्ञान-बसेरा खाट। हिंदी कहानी,‘कर्मभूमि’ से ‘सौत’-यूँ जिंदगानी। साहित्य मान,हिंदी दिया विस्तार-लेखन … Read more

बनें श्रीराम

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** विजयादशमी विशेष…. मारें बुराई,सत्य की खातिर-करें लड़ाई। नहीं सहन,विरोध हो अन्याय-करें दहन। नाश असत्य,अधर्म जीते धर्म-विजय सत्य। मिलाएं कदम,दें कमजोर साथ-प्रतीक हम। शान मर्यादा,छोड़ दें अहंकार-रखें इरादा। बनें श्रीराम,सच का उजाला-जगत नाम। हारे घमंड,जीत ज्ञान-अच्छाई-फैले प्रचंड। चिंतन कल,प्रगति हो समाज-बनें सफल। पाखंड छोड़,भूल वासना-मोह-साधना जोड़। अंदर जीतें,नहीं सीमा उलांघें-संबंध सींचें। मिटा असुर,संकल्प … Read more

वैश्विक छवि

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मोहनदास गाँधी जयंती विशेष… गाँधी महान,की लड़ाई अकेले-पाया वतन। ‘बापू’ इंसान,बना दी पहचान-थे वरदान। नाम मोहन,काम किया विराट-दिया अमन। पसंद खादी,थे मजबूत मन-फकीर गाँधी। सादगी गाँधी,रहा पक्ष एकता-एकल आँधी। याद उनकी,बनी वैश्विक छवि-बात उनकी। अहिंसा शक्ति,चलिए राह गाँधी-देश तरक्की॥

ईश्वर बेटी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ईश्वर बेटी,देना बढ़ावा बेटी-प्रकृति बेटी। सुरभि बेटी,है फुलवारी बेटी-धरम बेटी। ईमान बेटी,घराना शान बेटी-लाड़ली बेटी। जिंदगी बेटी,भाग्य हमारा बेटी-बंदगी बेटी। खुशियाँ बेटी,रुलाना मत बेटी-सम्मान बेटी। दुलार बेटी,घर-संसार बेटी-आशीष बेटी। जनम बेटी,पराया घर बेटी-विदाई बेटी। गुमान बेटी,प्रतिष्ठा भी बेटी-कालिका बेटी। गायत्री बेटी,लेती संभाल बेटी-सहारा बेटी। संस्कृति बेटी,उत्सव जन्म बेटी-गरिमा बेटी। अमोल बेटी,असीम कृपा … Read more

गौरव हिंदी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी…. एकता हिंदी,भारत आन हिंदी-सरल हिंदी। भावना हिंदी,असीम स्नेह हिंदी-गौरव हिंदी। जननी हिंदी,शब्द तिजोरी हिंदी-विराट हिंदी। तुलसी हिंदी,साहित्य पूरा हिंदी-जायसी हिंदी। श्रंगार हिंदी,उपहार है हिंदी।दुलार हिंदी। जगत हिंदी,देश स्वागत हिंदी-हृदय हिंदी। सारथी हिंदी,साहित्य-कला हिंदी-भारती हिंदी। शान हिंदी,ऊँचा मस्तक हिंदी-विदेश हिंदी। सुरीली हिंदी,है अभिलाषा हिंदी-निराली हिंदी। जोड़ती हिंदी,सम्पर्क भाषा हिंदी-दमके … Read more

थामता हाथ, निभाता साथ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** यदि आप नहीं होते तो…(शिक्षक दिवस विशेष)….. गुरु कुम्हार,गढ़ता है भविष्य-देता है मार। युग निर्माता,निकालता है खोट-सबको भाता। ज्ञान भंडार,बनता संजीवनी-देता दुलार। करें सम्मान,भविष्य रचयिता-दीजिए मान। समझे मर्म,बाहर से कठोर-भीतर नर्म। थामता हाथ,फैलाता है उजाला-निभाता साथ। ज्ञान खदान,देते जीवन सीख-गुरु महान। रचनाकार,दे पाठ मानवतासृजनकार। कोटि वंदन,करते बेड़ा पार-शिक्षा नंदन॥