अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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विजयादशमी विशेष….
मारें बुराई,
सत्य की खातिर-
करें लड़ाई।
नहीं सहन,
विरोध हो अन्याय-
करें दहन।
नाश असत्य,
अधर्म जीते धर्म-
विजय सत्य।
मिलाएं कदम,
दें कमजोर साथ-
प्रतीक हम।
शान मर्यादा,
छोड़ दें अहंकार-
रखें इरादा।
बनें श्रीराम,
सच का उजाला-
जगत नाम।
हारे घमंड,
जीत ज्ञान-अच्छाई-
फैले प्रचंड।
चिंतन कल,
प्रगति हो समाज-
बनें सफल।
पाखंड छोड़,
भूल वासना-मोह-
साधना जोड़।
अंदर जीतें,
नहीं सीमा उलांघें-
संबंध सींचें।
मिटा असुर,
संकल्प से मंजिल-
विजय सुर।
जलाएँ ईर्ष्या,
भला सोचें बुराई-
जगाएँ आशा।
ताकत राम,
रावण लंका जली-
विन्रम काम।
कुकर्म छोड़ो,
उतार बुरा मुख-
धरम जोड़ो॥