आओ शिवनन्दन

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष… अभिनंदन,आओ शिवनन्दन-करें वंदन। गणनायक,प्रथम आप आओ-शुभकारक। लम्बोदर,हो विघ्नहर्ता आप-मेहर कर। कृपानिधान,हर लो तकलीफ-दो वरदान। मंगलमूर्ति,पधारो मेरे द्वार-मिट्टी आकृति। वैभव, ज्ञान,उत्सव की बहार-हों बुद्धिमान। बुद्धि प्रदाता,बालमन का राजा-सबके दाता। हैं श्री गणेश,हैं दाता विनायकमिटाओ क्लेश। गौरी नन्दन,फिर आओ गणेश-अभिनंदन। हो महाकाय,गणेश-विनायक-हो विनाशाय। शिवनंदन,मचा जग क्रंदन-करूं वंदन। शत नमन,करें पूजा-अर्चना-रखो चरण। … Read more

करना रक्षा, रखना गर्व

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** रक्षाबंधन,अटूट मन रिश्ता-बनाए रखो। भाई-बहन,प्रेम सदा नि:स्वार्थ-मत छोड़िए। डोरी सनेहनहीं केवल धागा-पर्व पावन। रोली-चावल,रिश्ता है लुभावना-डोरी-चंदन। करना रक्षा,रखना सदा स्नेह-नहीं है स्वार्थ। रखना गर्व,निभाना सदा रिश्ता-मनाएं पर्व॥

गाइए महिमा प्रभु कृष्ण की

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* आओ मनाएं,जनम मनोहर-प्रभु कान्हा का। कृष्ण उदय,उद्धारक हैं प्रभु-जन की पीड़ा। क्रूर था कंस,बंदी बनाया पिता-माता देवकी। आकाशवाणी,देवकी गर्भ प्रभु-हैं अवतार। भाद्र रात्रि की,कृष्ण पक्ष रोहिणी-था पुर्नवसु। दिवस शुभ,कारागर में माता-जन्मे मोहन। बेड़ियाँ टूटी,वसुदेव उठाए-कृष्ण शिशु। घन बरखा,उमड़त यमुना-करते पार। शेषनाग जी,आए फन फैलाए-शिशु बचाए। गोकुल गाँव,यशोदा निंद्रा मग्न-कृष्ण सुलाए। … Read more

रक्षा तिरंगा, वचन तिरंगा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अपना सम्मान तिरंगा…. मन तिरंगा,आन-बान तिरंगा-तन तिरंगा। जान तिरंगा,देश रंग तिरंगा-मान तिरंगा। फूल तिरंगा,एकता है तिरंगा-ओज तिरंगा। सोच तिरंगा,कर्म मेरा तिरंगा-वीर तिरंगा। सेना तिरंगा,आजादी है तिरंगा-गर्व तिरंगा। शक्ति तिरंगा,बांधे सब तिरंगा-भक्ति तिरंगा। उठा तिरंगा,लहरा दे तिरंगा-गर्व तिरंगा। सेवा तिरंगा,देशभक्ति तिरंगा-ईश तिरंगा। रक्षा तिरंगा,वचन भी तिरंगा-जय तिरंगा। जमीं तिरंगा,स्वयं देश तिरंगा-नभ तिरंगा॥

सखा बेमोल

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मित्रता और जीवन… मित्र अमोल,रखिए मेल जोल-सखा बेमोल। बनाएं दोस्त,दिल धड़क दोस्त-आस्था दोस्त। न करो राख,मित्रता ही साख-रिश्ता खास। दोस्ती ज्ञान,रिश्ता इसे जान-बनाएं मान। मीठे से बोल,रुपए मत तौल-ये अनमोल। साँस रखना,साथ-हाथ रखना-प्यार रखना। भरोसा देना,बुरा मत करना-सदा रहना। रख लो मान,ना आए अभिमान-हो सम्मान। अच्छी यारी,प्रेम की फुलवारी-लम्बी पारी। मित्रता हमारी,है … Read more

युग पुरूष स्वामी विवेकानंद

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* स्वामी विवेकानंद जयंती विशेष….. भारत आन,स्वामी विवेकानंद-युग पुरूष। देव पुरूष,धन्य माता भारती-सन्यासी तुम। विश्व के गुरू,उच्च थे उद्देश्य-सम्मान देश। संसृति तुम्हें,कोटि-कोटि नमन-निराली भक्ति। विश्व में राग,संस्कृति और धर्म-गाये महान। थे उर्जावान,वेद शास्त्र ज्ञाता-संत महान। ज्योत जलाए,युवा शक्ति महान-दिए प्रेरणा। लक्ष्य हो प्राप्त,रूकना नहीं चलो-थके ना पग। सदा नमन,‘युवा दिवस’ आज-विश्व … Read more

आबादी-बर्बादी

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* बढ़ी आबादी,सब हैं परेशाननिकले हल। वक़्त रहते,वक़्त को पहचानरुके बर्बादी। हुए शराबी,खोया घर संसारदुःख की बात। सुनते सभी,गुनते कभी नहींयही ख़राबी। समझें जब,ज़िंदगी की क़ीमतजीना बदलें॥ परिचय–डॉ. आशा वीरेंद्र कुमार मिश्रा का साहित्यिक उपनाम ‘आस’ है। १९६२ में २७ फरवरी को वाराणसी में जन्म हुआ है। वर्तमान में आपका स्थाई … Read more

फैले रोशनी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** झिलमिलाएं,हर मन के दीप-जगमगाएँ। रंग सजाएँ,हो ज्योति का उत्सव-मनभावन। देहरी दीप,भरोसा रखें सब-हैं कल्पनाएँ। हो दूर तम,फैले रोशनी दिशा-शुभकामना। करें प्रार्थना,भलाई हो जग में-सब मुस्काएं॥

नमन गुरु

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. ज्ञान प्रकाश,शिक्षक बिखेरता-रोशनी बन। तमाम उम्र,ज़िंदगी ने सिखाए-तज़ुर्बे कई। कोर्स बदले,शिक्षक न बदले-कक्षाएँ वहीं। सफ़ेद धब्बे,चित्र उकेर जाए-मन को भाए। रख हौंसला,शिष्यों को तराशते-आकर गढ़ें। ऑनलाइन,चाहे ऑफ़लाइन-कर्तव्य पथ। चाक-डस्टर,हाथ में रजिस्टर-भाग्य विधाता। नमन गुरु,चुनौतियाँ अनंत-ज्ञान से अंत। पुस्तक-पेन,दुनिया बदल दे-शिक्षक संग। तिमिर पथ,रोशनी हैं … Read more

अद्भुत शिवशंकर

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** नर से नारी,मनमोहन रुपलीला अपार। है वरदानी,नंदी गण सवारीशिव शंकर। अदभुत है,पीवत गांजा भांगऔघड़ दानी। विकट रुप,तपस्या भंग हुईतांडव रुप। डमरू बाजे,डम डम डम रेहर्षित मन। कालों का काल,महाकाल बम्भोलेमहाकालेश्वर॥ परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि … Read more