परिवार का अपना हो

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ ८० वर्षीय गायत्री जी विशाल जर्जर कोठी के एक हिस्से में अपने पुराने नौकर दीनू काका और उनकी बेटी सुमित्रा के साथ रहती हैं। लगभग १ महीने पहले उनके शरीर का आधा हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया है। उसके बाद से वह अपना काम भी नहीं कर पातीं… पैसा तो बैंक में उनके … Read more

जरूरी है रिश्तों के बाग को सींचना

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** कहाँ खो गया रिश्तों से प्रेम…? भारत और भारतीय रिश्तों के ताने-बाने में जन्म के साथ जुड़ जाते है और मृत्यु और मृत्यु के बाद तक भी आपसी रिश्तों में याद किए जाते हैं। परिवार भारतीय समाज की सबसे छोटी इकाई और इससे हमारी प्रथम पहचान समाज में बनती … Read more

जूते की महिमा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** बचपन में हमें बताया गया था कि जूता पैर में पहनना जरूरी है, क्योंकि जूता पैर की सुरक्षा करता है। कुछ बड़े होने पर जब हम घर में कोई काम नहीं करते थे, या बड़ों का कहना नहीं मानते थे, तब ये आवाज सुनाई देती थी-‘जूते खाने हैं क्या … Read more

भारतीय लोकतंत्र करे पुकार-‘मिले अपनी भाषा में न्याय का अधिकार’

पूनम चतुर्वेदीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)********************************************** भारतीय संविधान का प्रस्तावना वाक्य-“हम भारत के लोग…” – न केवल इस देश की संप्रभुता और लोकतंत्र का परिचायक है, बल्कि यह उस जनभावना की पुष्टि करता है, जो भारत को उसकी विविध भाषाओं और संस्कृतियों के माध्यम से जीवंत बनाती है। इस विशाल बहुभाषिक राष्ट्र में जहाँ सैकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ … Read more

अविस्मरणीय बरसात

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मैंने शासकीय महाविद्यालय गुना में बीएससी प्रथम वर्ष में १९७६ में प्रवेश लिया था। चूंकि, मैं छोटी जगह से जिला मुख्यालय पर पहुंचा था, तो काफी डरा हुआ था। संकोच में भी था, पर मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था, और अच्छे संस्कारों में पला था इसलिए मुझमें एक आत्मविश्वास भी … Read more

कौन-कौन मराठी, कौन पर-प्रांतीय ?

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** महाराष्ट्र में भाषा विवाद… भारत की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इतिहास गवाह है कि विश्व में अलग-अलग देशों से लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से भारत में पहुंचे, बसे और भारत में ही रच – बस गए। बहुत बार शक, हूण तथा इस्लामिक आक्रमणकारियों आदि की … Read more

मराठी बोलना गर्व की बात, लेकिन हिन्दी से घृणा क्यों ?

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** महाराष्ट्र में भाषा विवाद… अपनी स्थापना से ही भारत विविधताओं का देश बना हुआ है, और भाषा इसकी सबसे खूबसूरत विशेषताओं में से एक है। इसलिए यहाँ अनेकता के बावजूद एकता है, चाहे फिर कोई भी मुद्दा हो, यानी कभी अपने को श्रेष्ठ बताकर किसी अन्य को बुरा नहीं कहा गया, … Read more

लोकमाता अहिल्याबाई को काव्यात्मक श्रद्धा सुमन अर्पित

hindi-bhashaa

आगरा (उप्र)। मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर केंद्रीय जयंती समारोह समिति (आगरा) के तत्वावधान में उत्कृष्ट सेवा सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन वी.जी. क्राफ्ट रॉयल बैंक्वेटस (फतेहाबाद रोड) के सभागार में हुआ। मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और अध्यक्ष हरिसिंह बेदरिया रहे। इस अवसर पर भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति के … Read more

भाषा की हाथापाई…?

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ विविधताओं के भारत में फिर एक बार हिन्दी की बिंदी पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाले लट्ठमार लोग निकल रहे हैं। इसका कितना कष्ट व कितना संघर्ष और देखने को मिलेगा ?‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का बैनर लेकर ख्यालीराम जी चल रहे थे। पदयात्रा है, कि यह कोई सोशल मिशन भैय्या … Read more

खामोश यादें

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* आज सुरम्या को गए २ दिन हो गए। कभी सोचा नहीं था, वह अचानक चली जाएगी। वह जब तक थी, कभी उसकी तरफ विशेष ध्यान ही नहीं गया। बस है घर में तो है, उसमें विशेष ध्यान देने वाली क्या बात ?, यह मेरा सोचना था। मेहमान भी लगभग जा चुके थे। … Read more