निचुड़ गया मन

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ बूंद-बूंद चुनर-सा निचुड़ गया मन,तार-तार सिकुड़ गया मानवी वसन।सूख-सूख टूट गये,चाहों के तानेइधर-उधर फैल गये,सपनों के बानेअसहनीय हुई उसे धूप की तपन।बूंद-बूंद चुनर-सा…॥ उड़-उड़ के रंग हुआ,ऐसा चितकबरादिखता ज्यों सावन का,अम्बर में बदरानये-नये जीवन को लग गया व्यसन।बूंद-बूंद चुनर-सा…॥ गीतों के मैंने,पैबन्द कुछ लगायेफटी हुई चुनर न,पूरी फट पायेजोड़-जोड़ छिने सकल बीते कुछ … Read more

जल ही जीवन,महत्व समझिए

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शुद्ध जल अमृत के समान है। हम सबके जीवित रहने के लिए जल बहुत ही आवश्यक है। यही वजह है कि आयुर्वेद में जल या पानी को पंच महाभूतों में से एक माना गया है। साफ़ पानी पीने से ही शरीर की कई समस्याएँ ठीक हो जाती हैं।आयुर्वेद में जल के अनेक गुणों … Read more

नेकी

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** बहुत कुछ खो कर भी हमने,बहुत कुछ दुनिया में पायाकरें कैसे उनका शुक्रिया,जिन्होंने यहाँ तक पहुँचायाबहुत से मिले हैं लोग,जमाने में छलने वालेइसी जमाने में मिले,बहुत प्यार करने वालेतभी तो जीतकर दिल,मैं आज सामने आ गया। गम के सागर में रहकर,सदा गम में डूबा रहापरंतु कुछ लोगों ने मुझे,गम से बाहर निकाल … Read more

प्रश्न उठा है मेरे मन में…

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* जीवन के संग मौत बहाना,किसका है ये ताना-बाना ?प्रश्न उठा है मेरे मन में,पता लगे तो मुझे बताना। फूलों को किसने महकाया,चिड़ियों को किसने चहकायाकिसने अश्क आँख में पाले,किसने यह संसार बसायाकौन दबा कर भाग गया है,धरती भीतर खनिज खजाना ?प्रश्न उठा है मेरे मन में,पता लगे तो मुझे बताना। कौन … Read more

एक ही परिवार

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* शान है हिंदुस्तानी की,भारत भूमि में जन्म हुआ,सेवा करूॅ॑गा भारत माता की,यह सौभाग्य हुआ। हम सभी हिन्दुस्तानी,एक ही है घर-परिवार,हिंदुस्तानी भाई-भाई में नहीं रहती तकरार। सभी हिन्दुस्तानी भारत माता के बालक हैं,एक-दूजे के सभी जन मिल के प्रतिपालक हैं। भारतीयों का धर्म है,श्री गुरु का वन्दन करना,सत्य पथ को अपनाकर धर्म … Read more

ईश्वर कण-कण में

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. वे रश्मि वर्षा करते हैं,धन आंनद का भरते हैंभर आस्था प्यार पुकारे,पास खड़े श्याम हमारे। क्षिति पावक गगन समीरा,व्यापित दस दिशि थल नीराआज्ञा बिन पात न डोले,जग सारा हरि गुण बोले। शोर और सन्नाटा में,फूल पात और काँटा मेंईश्वर कण-कण बसते हैं,आस्था में ही दिखते हैं। इक … Read more

क्या लिखूँ…?

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** वो कहती हैं मुझसे हमेशा,कुछ अलग-सा गीत लिखोखुशियों के सुरीले बोल लिए,मीठे-मीठे से गीत लिखो।कोयल-सी मीठी हो जो ऐसी,मधुर-मधुर-सा संगीत लिखोखिल जाए उपवन की कलियां,ऐसा सुन्दर-सा गीत चुनो।रंगों की सतरंगी रंगों वाली,हो जाए ऐसी बरसात लिखोइन्द्रधनुष रंगों-सा सुन्दर,मधुरिम मधुर गीत चुनो।राहों के कंटक-वंटक छोड़ो,फूलों की सुन्दरता को देखोछोड़ो दु:ख के राग कष्टदायी,कोई सुखद-सा … Read more

आत्मा के परमात्मा से मिलन का भक्ति पर्व ‘महारास’

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** शरद पूर्णिमा विशेष… भगवान कृष्ण के महारास को समझने के लिए विवेक पूर्ण विवेचन की अत्यंत आवश्यकता है। ‘रास’ शब्द संस्कृत के ‘रस’ से उत्तपन्न हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ है-निचोड़,तत्व-अर्क,आनन्द। काव्य में जो आनन्द आता है,वह ही काव्य का रस है। काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस सामान्यतः लौकिक ही … Read more

माँ तुम फिर आना

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** नवरात्र विशेष…. सूनी-सूनी गलियाँ हो गईं,सूना हो गया घर आँगन,ढूंढ रही आँखें माता को,बुझा-बुझा सा है ये मन। सूनी पड़ी माता की चौकी निःशब्द हो गए भजन,खाली थाल आरती का,खाली हल्दी कुंकुम चंदन। सुबह भी सूनी-दोपहर सूनी हुई,सूनी शाम मद्धम,मौन किया धारण रातों ने,छाया सन्नाटा और तम। अब कहीं न … Read more

द्वैष नहीं पलने देना

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हृदय भाव में द्वेष नहीं पलने देना।झूठ कपट अरु स्वार्थ नहीं भरने देना॥ मानवता की राह सदा चलना हमको,सत्य पथिक बन साँचे में ढलना हमको।लोभ मोह में व्यर्थ नहीं जलने देना,हृदय भाव में द्वेष नहीं पलने देना…॥ समता का ही पथ हमको निज अपनाना,मृदुभाषी का श्रेय हमें है नित पाना।कपट पूर्ण … Read more