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प्रश्न उठा है मेरे मन में…

जसवीर सिंह ‘हलधर’
देहरादून( उत्तराखंड)
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जीवन के संग मौत बहाना,
किसका है ये ताना-बाना ?
प्रश्न उठा है मेरे मन में,
पता लगे तो मुझे बताना।

फूलों को किसने महकाया,
चिड़ियों को किसने चहकाया
किसने अश्क आँख में पाले,
किसने यह संसार बसाया
कौन दबा कर भाग गया है,
धरती भीतर खनिज खजाना ?
प्रश्न उठा है मेरे मन में,
पता लगे तो मुझे बताना।

कौन कंठ में स्वर गुनता है,
कर्ण ध्वनि कैसे सुनता है
कौन कीट की लार जमा कर,
रेशम का धागा बुनता है
कौन दूध बाली में भरता,
कैसे पका अन्न का दाना ?
प्रश्न उठा है मेरे मन में,
पता लगे तो मुझे बताना।

क्यों जगते हम क्यों सोते हैं,
स्वप्न कहाँ पैदा होते हैं
जीना-मरना नीति पुरातन,
मरने पर फिर क्यों रोते हैं
दोनों ही सिक्के के पहलू,
अटल सत्य से क्यों अनजाना ?
प्रश्न उठा है मेरे मन में,
पता लगे तो मुझे बताना।

कौन शीत की लहर चलाता,
कौन बर्फ की परत जमाता
कौन रेत लाया मरुथल में,
गर्म हवाएं कौन उड़ाता
कौन सिंधु में नमक मिलाए,
कौन सिखाए भाप बनाना ?
प्रश्न उठा है मेरे मन में,
पता लगे तो मुझे बताना।

कीट प्रवास भरा सागर में,
किसने साँस भरी अम्बर में
शीतलता चंदा में किसने,
किसने आग भरी दिनकर में
किसने तारों को सिखलाया
बार-बार दिखना-छुप जाना ?
प्रश्न उठा है मेरे मन में,
पता लगे तो मुझे बताना॥

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