ढूंढूं तुझको मैं कहाँ-कहाँ…??
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. हे,मेरे ईश्वर…!ओ,माय गॉड…।ऐ,मेरे मालिक…!या,खुदा …..!हाथ उठाऊं,अरज करूँ मैंढूंढूं तुझको मैं कहाँ-कहाँ…??मन्दिर में ढूंढा तो मिली,बस तेरी मूरत थी प्यारी।गिरजे का घण्टा बजा,मैं झांका,तेरी शान थी,अजब-सी न्यारी।मज्जिद से ही,नमाज भी अता की,झलक कहीं नहीं थी,वो प्यारी-प्यारी।पत्थर को पूजा,ग्रन्थ में खोजा।मिला नहीं तू,महिमा थी सारी।हे,मेरे … Read more