ज़िंदगी की जंग
डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* पतंग-सी हो गई है ज़िंदगी,जानती है,जब तक ऊँचाई हैबस तब तक वाहवाही है,पर उड़ने की चाह है इतनीकि कटने की परवाह नहीं…। हमारे बदलते लहजे…
डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* पतंग-सी हो गई है ज़िंदगी,जानती है,जब तक ऊँचाई हैबस तब तक वाहवाही है,पर उड़ने की चाह है इतनीकि कटने की परवाह नहीं…। हमारे बदलते लहजे…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* सुन्दर रूप नैना कजरारे,चमके जैसे गगन के तारे,ऐसा रूप था विरहिणी का,आज बैठी है मन मारे। सावन आते देखकर भी,विरहिणी नहीं मुस्काती है,वह ताप झेलती रहती…
नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** कोरोना का दंश गजब का,काँप रहा है जग सारा।सुबह-शाम तक सूरज सिर पे,फिर भी लगता अँधियारा॥ हर पल काँटे से चुभते हैं,आँखों से आँसू झरते।सिसक-सिसक कर साँसें…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** वो मोहब्बत हमसे कुछ,इस तरह निभा गएअपने सारे दु:ख-दर्द,दिल में छुपाए रहेऔर मिलते रहे हमसे,हमेशा हँसते हुएभनक ही नहीं लगने दी,वो जीते रहे हमारे लिए। माना कि…
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** चाइना ने बनाया है इस 'कोरोना' को,छोड़ दिया सारी दुनिया को रोने कोशैतान हँसता,मुँह पर पड़ा ताला है,भोला 'देवेश' पूछता-क्या गड़बड़ झाला है…। हम इठलाए जीत…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* कब से राह निहारती,बैठी यमुना पार।कब आओगे मोहना,छलके आँसू धार॥ माधव तुमसे दूर रह,हुई बावरी आज।मन मेरा लागे नहीं,दर्शन दो ब्रजराज॥ गैया तुझ बिन दीन…
रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** ये हमेशा वाद-विवाद का प्रश्न रहा है कि सरकारी विद्यालयों की पढ़ाई निजी विद्यालयों से बेहतर क्यों नहीं होती है। सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों से कम सुविधाएं…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************** सेवा में सद्भाव समाहित,कर्मों का सम्मान है।सेवा से जीवन की शोभा,मिलता नित यशगान है॥ दीन-दुखी के अश्रु पोंछकर,जो देता है सम्बलपेट है भूखा,तो दे रोटी,दे…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* बागों के माली रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं।कलियों पर काँटों के ताले,अब से नहीं जमाने से हैं। मिली कहाँ पूरी आजादी,खंडित हिंदुस्तान मिला है,सरहद पर…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* नेपाल की सरकार और संसद एक बार फिर अधर में लटक गई है। राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने अब वही किया है,जो उन्होंने पहले २० दिसंबर को किया…