फैला दो माँ फिर उजियार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** नवरात्र विशेष….. दुर्गा माँ तुम आ गईं,हरने को हर पाप।संभव सब कुछ आपको,तेरा अतुलित ताप॥ बढ़ता ही अब जा रहा,जग में नित अँधियार।फैला दो माँ वेग से,तुम अब फिर उजियार॥ भटका है हर आदमी,बना हुआ हैवान।हे माँ! दे दो तो ज़रा,तुम विवेक का मान॥ सद्चिंतन तजकर हुआ,मानव गरिमाहीन।दुर्गा माँ दुर्गुण … Read more

समय खराब नहीं…सीख लेनी होगी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** समय खराब होता है या नहीं,इस बारे में सबकी अलग-अलग सोच हो सकती है। कोई परिस्थितियाँ अनुकूल न होने पर समय खराब है,कहकर हिम्मत हार कर बैठ जाता है तो कोई उन समस्याओं में से ही समाधान ढूँढ लेता है। सामान्य व्यक्ति तनाव और आतंक के दौर को बुरा समय घोषित करता … Read more

जीवन चलने का नाम

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** जीवन चलने का नाम है,रुकना इसका काम नहींअनगिनत राही चलते हैं,पर देता कोई साथ नहीं। हमें बस आगे चलना है,पीछे मुड़ना काम नहींचाहे हमें हो कष्ट सारे,चलते रहना है हमें प्यारे। जब रास्ते होंगे कठिन,और मन होगा गमगीनधैर्य से आगे बढ़ना है,हमें बस चलते रहना है। आते-जाते लोगों को,साथ ले … Read more

बेटियाँ

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** बेटी से परिवार,नाम कुल रौशन करती।देना बेटी मान,जगत की पीड़ा हरती॥माँ-पापा की जान,सदा वो प्यार लुटाती।घर-आँगन को रोज,फूल-सी वह महकाती॥ लेती घर में जन्म,गूँजती है किलकारी।नन्हीं होती जान,सभी को लगती प्यारी॥लेते पापा गोद,नयन उनके भर आते।हँस-हँस कर वे रोज,प्यार अपना बिखराते॥ करो नहीं तुम भेद,एक तुम इसको जानो।होती दुर्गा … Read more

उजालों का स्वागत करें

ललित गर्गदिल्ली ************************************** विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस १० अक्टूम्बर विशेष…. देश एवं दुनिया में मानसिक बीमारियां बढ़ रही है, तनाव एवं असंतुलन के कारण अनेक विकृतियां एवं मनोरोग पनप रहे हैं,मानसिक अस्वास्थ्य वर्तमान युग की ज्वलंत समस्या है,उस पर नियंत्रण पाने के लिए विविध प्रयोग हो रहे हैं। इन्हीं प्रयोगों में एक सकारात्मक उपक्रम है,विश्व … Read more

आज का इंसान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान।मध्य पाप के घिरता जाता,आज का इंसान॥ लोभ मोह का लालच रखकर,भूलता सब कर्म,बना रहा वर्चस्व झूठ पर,त्यागता सब धर्म।भाई का दुश्मन भाई है,व्यर्थ करता शान,कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान…॥ सत्य पथ का त्याग है करते,कपट छल से वार,दीन-दुखी की दुखित व्यथा पर,घात बारंबार।वर्तमान कलुषित … Read more

भारत के लाल

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** भारत माँ के बहादुर लाल,था किया जिन्होंने उच्च भाल।मुगलसराय में जन्म लिये जो-यह देश बचाया बने ढाल॥ सादा तन-मन उच्च विचार,लिया देश का पूर्ण प्रभार।प्रधानमंत्री द्वितीय बनकर,पाक सैन्य बल पटका पार॥ मात्र अठारह माह दिखाया,बन पीएम अकाल मिटाया।पराक्रमी दृढ़ प्रण प्रतिपालक-भारत का सम्मान बढ़ाया॥ सीधा-साधा जन्म बिताकर,गरीब घर में जीवन पाकर।खोया … Read more

यह शहर है

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** यह शहर है,यह शहर है कोलाहल का संसार,हरपल-हरदम है यहां हाहाकार।सड़कों पर दिखती अपार भीड़,सब हैं दिखते जैसे एक कर्मवीर।भाग-दौड़ है इसकी पहचान,नहीं दिखते जैसे हों इन्सान।यह शहर है…! नहीं है रिश्तों में यहां मिठास,अपनेपन का नहीं होता अहसास।माता-पिता का यहां ठौर नहीं,एकल परिवार का शौर्य यही।अपनापन है बेमानी दिखती,सबसे सब अनजानी दिखती।यह शहर … Read more

सबका कष्ट हरो माता रानी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* नवरात्र विशेष…. आ गई है आज नवरात्रि,शत-शत नमन माॅ॑ शैलपुत्री। कलश जल भरके लाए हैं,घर में घी का दीया जलाए हैं। पूजा-अर्चना की करो तैयारी,आ रही हैं माता करके सवारी। कॅ॑चन थाल कपूर की बाती,माॅ॑ की सब मिल के करो आरती। रंगोली से घर-द्वार को सजाओ,शुभ आरती सब मिलकर गाओ। आराधना … Read more

माता के नौ रुप

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** नवरात्र विशेष…. जग-जननी के नौ हैं रूप,कहीं छाँव तो कहीं हैं धूप। पर्वत राजहिमालय की पुत्री,वर्षभ पर आरूढ़शैलपुत्री नाम है इनका,स्वास्थ्य दात्री स्वरूपजग जननी के नौ हैं रूप,कहीं छाँव तो कहीं हैं धूप। बांये हाथ कमंडलदांये हाथ जप माल,ब्रह्मचारिणी नाम है इनकाजयोतिमर्य है स्वरूप,जग जननी के नौ हैं रूपकहीं छाँव तो कहीं … Read more