नयना तुम्हारे बोल पड़ते हैं
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** अँधेरे मुस्कुराते हैं उजाले बोल पड़ते हैं।वो जब तशरीफ़ लाते हैं तो रस्ते बोल पड़ते हैं। सितम ‘की इन्तिहा होने पे गूँगे बोल पड़ते हैं।परिन्दे ‘फड़फड़ाते हैं तो पिंजरे बोल पड़ते हैं। तुम्हारे ह़ुस्ने ज़ेबा की झलक पाते ही ऐ दिलबर,निगाहें ‘रक़्स करती हैं नज़ारे बोल पड़ते हैं। हम अपनी हार … Read more