नयना तुम्हारे बोल पड़ते हैं

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** अँधेरे मुस्कुराते हैं उजाले बोल पड़ते हैं।वो जब तशरीफ़ लाते हैं तो रस्ते बोल पड़ते हैं। सितम ‘की इन्तिहा होने पे गूँगे बोल पड़ते हैं।परिन्दे ‘फड़फड़ाते हैं तो पिंजरे बोल पड़ते हैं। तुम्हारे ह़ुस्ने ज़ेबा की झलक पाते ही ऐ दिलबर,निगाहें ‘रक़्स करती हैं नज़ारे बोल पड़ते हैं। हम अपनी हार … Read more

गहरे घाव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* रोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं।अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं॥ बढ़ता जाता दर्द नित्य ही,संतापों का मेलाकहने को है भीड़,हक़ीक़त,में हर एक अकेला।रौनक तो अब शेष रही ना,बादल भी ठहरे हैं,अपनों ने जो सौंपे वो,घाव बहुत गहरे हैं…॥ मायूसी है,बढ़ी हताशा,शुष्क हुआ हर मुखड़ाजिसका भी … Read more

गुजरात:आईना ही बदल डाला…!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** गुजरात में भाजपा ने पूरा मं‍त्रिमंडल तो क्या आईना ही बदल डाला है। इस महाबदलाव में कई खतरे निहित हैं। बड़ी कामयाबी और उससे भी बड़ी नाकामयाबी के भी। भाजपा का गढ़ बन चुके गुजरात में नए और पहली बार मुख्‍यमंत्री बने भूपेन्द्र पटेल के मंत्रिमंडल में ‘पूरे घर के बदल डालूंगा’ … Read more

पुरानी किताब की खुशबू

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** आज किताब के पन्नेउलट कर देख रहा हूँ,जो पीले पड़ गए हैं,कहीं-कहीं परनीली स्याही सेफैल गए हैं।सुंदर अक्षरजो कभी हुआ करते थे मोती,किताब के शुरू में हीजो लिखा हुआ था मेरा नामअब हल्का पड़ चुका है।कोने से जो कुतरी हैचूहों ने किताब,उसकी कतरनबिखरी हुई है फ़र्श पर,सम्भाल कर उठानी पड़ रही … Read more

‘आप अनपढ़ हो…?’

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** आज तक मैंने जिस कार्यालय में भी काम किया है,वहाँ यह कोशिश की कि लोग अंग्रेजी का मोह त्याग सकें और हिंदी को प्रोत्साहन मिले। एक कार्यालय में जनसंपर्क बहुत ज्यादा होता था। आजकल लोगों को अंग्रेजी बोलने का कुछ ज्यादा ही शौक चर्राया हुआ है। जो आता…चटर-पटर अंग्रेजी में बोलता। मैं … Read more

दुष्कर्म:जागरूकता के साथ पारिवारिक सहयोग आवश्यक

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** जितने हम सभ्य बनते जा रहे हैं,उतने अधिक हम असभ्य हो गए हैं। विरुद्ध लिंग के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है,पर आजकल इसने रोग का रूप ले लिया है़। इसने इतनी विद्रूपता का रूप धारण कर लिया है़ कि,नारी अब घर में भी सुरक्षित नहीं है। यौनाचार के प्रकरण घर में और निजीयों … Read more

गणेश वन्दना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************* पद सरोज श्रद्धा नमन,करूँ गजानन आज।उमातनय परमेश कुरु,स्वस्ति लोक गणराज॥ गणनायक पूजन करुँ,हे अच्युत विघ्नेश।गजमुख वरदायक नमन,लम्बोदर बुद्धेश॥ एकदन्त गिरिजा तनय,शरणागत करुणेश।रक्ताम्बर शुभ गात्र प्रभु,गौरीनन्द गणेश॥ मंगलेश गौरीतनय,गणनायक बुद्धीश।वाहन मूषिकराज है,जगपालक जगदीश॥ पंचदेव में पूज्य हो,गणभूतों के नाथ।सकल मनोरथ पूर्ण कर,बुद्धि विधाता साथ॥ हे गणेश सानंद कर,नित सुखमय संसार।दे … Read more

सैकड़ों शिकायतों के बाद भी कोष की वेबसाइट पर हिन्दी का विकल्प नहीं

रायसेन (मध्यप्रदेश)। महोदय,कृपया मंगल,२८ अप्रैल २०२० को रात ९:४०बजे भेजी गई शिकायत व उसके बाद भेजे गए ९ अनुस्मारकों का संदर्भ लें। पूरा डेढ़ वर्ष बीत गया है, आपने पत्र का उत्तर नहीं दिया है और न ही वेबसाइट http://www.pmcares.gov.in/ पर राजभाषा का विकल्प शुरू किया है। पीजी पोर्टल पर भी इस संबंध में मेरी … Read more

हिंदी से प्रीत निभानी है़

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* प्राचीन सभ्यता की रथ है हिंदी से प्रीत निभानी है।पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है॥ ये सुगम ज्ञान की सरिता है वेदों की वाणी से निकली,आचार विभूषित कविता है ऋषियों की धाणी से निकली।है देवनागरी लिपि इसकी शब्दों में भरी जवानी है,पुरखों का दिखलाया पथ है भारत … Read more

हिंदी राष्ट्र को एकसूत्रता में पिरोने का सशक्त माध्यम-ओम बिरला

लोकार्पण….. नई दिल्ली। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने नए भारत के निर्माण में राष्ट्रभाषा हिंदी की उपयोगिता को आवश्यक बताते हुए कहा कि मानव और सभ्यता के विकास का आधार भी भाषा ही है। हिंदी ही है जो विविधताओं से भरे हिंदुस्तान को एकता के सूत्र में पिरोती है।श्री बिरला ने अपने निवास पर … Read more