श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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शत-शत नमन हे श्री गणेश,
शत-शत नमन माँ लक्ष्मी
चरण वंदना है आपकी,
स्वीकार करें हे लक्ष्मी।
ऊंच-नीच का भेद मिटाकर,
हर घर माँ लक्ष्मी आती है
सबको सुखी बना कर,
आशीष दे के जाती हैं।
आए हैं आज श्रीराम अवध,
जनता राह करें है रोशन
संत मुनि करते हैं भजन,
आ रहे हैं श्रीराम अवध।
दीप जलाओ दीप जलाओ,
अंधकार को दूर भगाओ
दीया-बाती,गौ का घी,
रोशनी में खुल के जी।
घर-घर बन रही मधुर मिठाई,
सब द्वारे पर रंगोली बनाई।
बच्चे पटाखे जलाते हैं,
खुशी के गीत गाते हैं॥
परिचय–श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।