बहुत देर कर दी तूने
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* तेरी चाहतें तेरी हसरतें,सभी मिटा दी हमनेअब कोई शिकवानहीं अब तुमसे,रिश्ता नहीं। तुम और तुम्हारे इश्क,दोनों मतलब के होकभी पास बुलाते,हो तुम कभीदूर जाते हो। बेपनाह…