आगे बढ़ो नारी

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ अब छोड़ दो समाज की पुरानी नीतियाँ,भुला दो सारी पुरानी कहानियाँअब खत्म करो पुरानी रीतियाँ,अब है चुनौतियाँ, पुरानी कुरीतियाँअब तुम बस अपने राष्ट्र के लिए श्रृंगार करो,आगे बढ़ो नारी, आगे बढ़ोतुम सदैव आगे बढ़ो। छोड़ दो अश्रु धारा को,टूटो नहीं तुम दिल सेअपने मन के सारे दुःख दर्द को दूर करो,हिम्मत से … Read more

राजभाषा नीति व अधिनियम का लगातार उल्लंघन कर रहा एनआईए

प्रति,राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए),नई दिल्ली, भारत सरकार महोदय,मैं अत्यंत खेद के साथ यह शिकायत दर्ज करता हूँ, कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत केंद्रीय जाँच एजेंसी) द्वारा केंद्र सरकार की राजभाषा नीति और संसद द्वारा पारित राजभाषा अधिनियम तथा उसके अंतर्गत बनाई गई नियमावली का लगातार उल्लंघन किया … Read more

गोष्ठी में किया सम्मान

hindi-bhashaa

इंदौर। अवध समाज साहित्यिक संगठन द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन उत्साहपूर्ण वातावरण में किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक वरिष्ठ साहित्यकार, कवि एवं समाजसेवी उपस्थित रहे। इस अवसर पर समाजसेवी राहुल निहोरे एवं कवि अशोक त्रिवेदी को सम्मानित किया गया। इसमें अतिथियों ने साहित्यिक गतिविधियों से समाज में जागरूकता को सराहनीय बताया। विवेक सेठ, … Read more

प्रेम से भरा हमसफ़र हो

कल्याण सिंह राजपूत ‘केसर’देवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* ज़िंदगी की हर शाम सकून से भरी झील-सी हो,निश्छल प्रेम से भरा सागर सा, हमसफ़र हो। छल कपट रहित,त्याग,समर्पण से पूर्ण, सच्चा हमसफ़र हो,मस्ती भरी आनंदित और प्रसन्नता देने वाली हर शाम उसी के नाम हो। परिवार का साथ हो, सबमें विश्वास हो,बस यही ज़िंदगी का आधार हो। जो साथ … Read more

हवा चली, मगर

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** ये हवा चली,मगर उसे देखा किसी ने नहींपत्तियों ने किए इशारे,फूलों ने बिखेरी सुगंध। हवा के भी तेवर होते हैं,आँधी और बवंडर की सेना लेकरजग को हरा जाती,उजाड़ देती घरों और पेड़ों कोकिंतु कभी प्रेम को निखार देती। जब चलती ठंडी हवा,गोरी का घूँघट हटा देती चेहरे सेसुखा देती श्रम के … Read more

‘हिंदी में शपथ’ भाषाई चेतना का निर्णायक उद्घोष

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारत के ५३वें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा हिंदी में शपथ लेना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में केवल एक औपचारिक घटना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और मनोवैज्ञानिक चेतना का नया शुभारंभ है। यह वह क्षण है जिसने भाषा को लेकर दशकों से चले आ रहे संकीर्ण विवादों, राजनीतिक विरोधाभासों और कृत्रिम विभाजनों … Read more

एक-दूजे के लिए ही जीना

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मुस्कानों के फूल खिला करनगरी एक बसाई तुमने,घर-आँगन में बजी बधाईलिख ली एक कहानी तुमने। बनी नायिका महि पग रखतीनेह-सुधा रस गान किया,बजती पायल की रुनझुन नेजीवन को सुर-ताल दिया। प्रेम का बिरवा हृदय लगायाअतुल प्रेम-धन खूब लुटाया,सच मानों तो साझा जीवनप्रेम विहीन न किसी को भाया। सदा समर्पण प्रेम में करना,एक-दूजे … Read more

खो गया सितारा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खो गया सितारा, अभिनय का खो गई महक बस यादों में,खो गया तरन्नुम मजलिस का खोया चरित्र अफ़सानों में। जो गाँव की माटी में लिपटा जो अरमान बीच बहती धारा,था कालजयी अभिनेता वह ‘ही- मैन’ धरम मस्तानों में। खो गया सहज अति सौम्य प्रकृति,व्यक्तित्व अनोखा दुनिया में,दमदार सफलता अदा … Read more

साहित्यकार प्रो.शरद नारायण-नीलम खरे सम्मानित

hindi-bhashaa

मंडला (मप्र)। अंतर्राष्ट्रीय संस्था प्रसंग जबलपुर का कृति विमोचन, सम्मान समारोह व‌ काव्य समागम इं. विनोद नयन के संयोजन में हुआ, जिसमें कृष्णा राजपूत की सजल विधा की कृति का विमोचन व चयनितों का सम्मान हुआ। अतिथि डॉ. महेश दिवाकर, डॉ. अनिल गहलोत की उपस्थिति रही। इसमें मंडला के साहित्यकार प्रो. शरद नारायण खरे व … Read more

कुछ समय तो बैठो ‘बुजुर्गों’ के पास

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ हमारे संस्कारों में बुजुर्गों का अनुभव बहुत कारगर साबित होता है। सामाजिक परिदृश्य में देखें तो ऐसा कह सकते हैं कि बड़े-बुजुर्ग वृटवक्ष होते हैं। उनकी छत्र-छाया में हम परिजन सुखी रहते हैं, पर आज-कल परिवारों में समय अनुरूप परिवर्तन के दौर में उन्हीं बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में जाने को … Read more