कैरव’ आदर्श राजनेता ही नहीं, अपितु स्तुत्य साहित्यकार भी
पटना (बिहार)। १९४२ के अग्र पांक्तेय नायकों में से एक पं. बुद्धिनाथ झा ‘कैरव’ केवल एक बलिदानी स्वतंत्रता सेनानी और आदर्श राजनेता ही नहीं, अपितु स्तुत्य साहित्यकार भी थे। वे १९५७ तक विधानसभा के सदस्य रहे, किंतु पटना या देवघर में एक घर तक नहीं बना सके। राजनीति उनके लिए सत्ता-सुख की नहीं, सेवा और … Read more