ये कैसा जहां

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)********************************************************** जिधर देखता हूँ, धुआं ही धुआं है।छिपी है सच्चाई, ये कैसा जहां है। न खुशबू,न भंवरे, न इठलाती कलियाँ,न दिखती है तितली, दुखी बागवाँ है।…

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मासिक काव्य गोष्ठी २५ मार्च की शाम को

मुम्बई (महाराष्ट्र)। भारतीय जनभाषा प्रचार समिति (ठाणे) की मासिक गोष्ठी २५ मार्च २०२३ शनिवार को सायं ५ बजे रखी गई है। अध्यक्ष रामप्यारे सिंह रघुवंशी, सचिव राही अनिल व प्रचार…

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अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे को मिलेगा स्व. स्नेहप्रभा स्मृति अलंकरण

इंदौर (मप्र)। महाराष्ट्र साहित्य अकादमी से 'महाराष्ट्र भारती' सम्मान प्राप्ति के बाद साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ. विकास दवे (इंदौर) को अब स्व. स्नेहप्रभा स्मृति अलंकरण के लिए चयनित…

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पुजारी हूँ कलम का

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** वतन का स्वाभिमानी सर,कभी भी झुक नहीं सकता।विजय के ध्वज का फहराना,कभी भी रूक नहीं सकता। लगाओ जोर कितना भी,हमें बरबाद करने को।पुजारी हूँ कलम का मैं,कभी…

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आओ, सब मिलकर करें वन्दन

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में,सनातन हिन्दू धर्म का पर्व ये आयानवरात्र में देवी माँ की अराधना और पूजा से आरम्भ,हिन्दू नववर्ष के आगमन पर उमंग-उत्साह चारों ओर…

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भारत की प्राचीन जल संस्कृति को जीवंत करें

ललित गर्गदिल्ली************************************** जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर बड़े खतरे खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिए जल सबसे जरूरी वस्तु है, जल…

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आजादी के बलिदानी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह को फंदे पर लटकाया था,२३ मार्च के दिन को इसी लिए ही 'शहीद दिवस' मनाया था। भारत माँ के इन लालों…

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आज़ादी के मतवाले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जय सरदार भगत हूंकार जगत,आज़ादी के मतवाले शत्रुञ्जयजब सिंहनाद सुन भगत सिंह प्रवर,घबरा थर्राया शत्रु भीत पड़े। हे शौर्यपुत्र माँ भारत प्रणाम,जय भक्त राष्ट्र…

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सब देखते रहे

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कुछ भी न थी ख़ता, सब देखते रहे।हमको मिली सज़ा, सब देखते रहे। तिनका तलक जला, सब देखते रहे।कुछ भी नहीं बचा, सब देखते…

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नमन लिखूं

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* कलम दर्द में डूबी हुई है,कैसे शहादत की कथा लिखूंहे मेरे देश के वीर सपूतों-शहीदों,आज मैं तुमको नमन लिखूं। तान सीना तुम खड़े होते…

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