दीदार हो जाए
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** आओ न उनका एक दीदार हो जाए,बेचैन दिल फिर एक बार मौन हो जाए। आओ तस्वीर दिखाऊँ एक महबूब की,दिल में बसी यादें वो भी…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** आओ न उनका एक दीदार हो जाए,बेचैन दिल फिर एक बार मौन हो जाए। आओ तस्वीर दिखाऊँ एक महबूब की,दिल में बसी यादें वो भी…
पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ आजकल अनेक महिलाएं अपने घर की दहलीज पार कर नौकरी या व्यवसाय में व्यस्त हैं, परंतु अभी भी बहुत-सी महिलाओ की बड़ी आबादी ऐसी है, जो गृहिणी…
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** राजा राममोहन राय जन्म जयन्ती (२२ मई) विशेष... यह वह समय था, जब हिन्दुस्तान एक तरफ विदेशी दासता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। दूसरी तरफ रूढ़िवाद,…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* भरी ग्रीष्म में जब बेमौसम वर्षा ने उत्पात मचाया,बारिश पहले किसानों की आँखों में दर्द उतर आयाबड़ी मेहनत से उगाया था धरा की गोद में प्याज…
देवास (मप्र)। कथाकार मनीष वैद्य को उनके कथा संग्रह 'वांग छी' के लिए २०२५ का डॉ. मूलाराम जोशी स्मृति उत्कृष्ट साहित्य सम्मान दिया जाएगा। चयन समिति के आचार्य धर्मेन्द्र शास्त्री…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** राजा राममोहन राय जन्म जयन्ती (२२ मई) विशेष.. राजा निराले,राममोहन रायबेड़ियाँ तोड़ी। सती प्रथा थी,जलती थी महिलाकुरीति तोड़ी। अमर हुए,समाज का संबलमुक्ति दिलाई। अद्भुत राजा,सदा प्रजा…
ब्रैम्प्टन (कनाडा)। १७ मई को ब्रैम्प्टन स्थित भारत माता मंदिर में विश्व हिंदी संस्थान (कनाडा) व भटनागर परिवार के संयुक्त सहयोग से स्व. भटनागर को श्रद्धांजली स्वरूप काव्यांजली सम्मेलन रखा…
रायपुर (छ्ग)। ‘छंदबद्ध वृहत् हिंदी व्याकरण’ (विश्व के व्याकरणों में प्रथम छंदबद्ध रूपांतरित व्याकरण) रूपी ऐतिहासिक ग्रंथ का विमोचन राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में वृंदावन सभागार (रायपुर, छत्तीसगढ़) में…
सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** गरमी तेज़ प्रचंड हुई,किल्लत पय चहुं हुईपसीने से तर-बतर हो,ज़िंदगी दुश्वार हुई। लू बैरिन प्रचंड दहाड़,गर्मी विकट सताए हुएपसीना उभर-टपक रहा,धरती हाय! तौबा हुए। बड़ी…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* इस अनिश्चित जग में,मैं ठहर जाती हूँकुछ अनजान भय से। निरंतर काम करने,के बाद मैं दौड़ जाती हूँसुनसान पड़े खाली घर में। उस भरी महफ़िल में,रिश्तेदारों…