पहचान अपने दम पर

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** ये पहचान जो हमने,अपने दम पर बनाई हैदोस्तों ये कविताएँ नहीं,उम्र भर की कमाई है। दर्द का अनुभव किया है,हँस कर हर चोट खाई हैअपनी हस्ती…

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दुश्मन ज़माना हुआ

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* आप से दोस्ताना हुआ।तब से दुश्मन ज़माना हुआ। आपका जब से जाना हुआ।क़ैद-सा आशियाना हुआ। आपका घर में आना हुआ।घर का मौसम सुहाना हुआ।…

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डॉ. छतलानी सम्मानित

उदयपुर(राजस्थान)। बृजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी (शमशाबाद) द्वारा जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के सहायक आचार्य डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को वर्ष २०२२ के भारतेंदु हरिश्चंद्र राष्ट्र भाषा हिन्दी गौरव…

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मानव-धर्म आबाद रहे…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** अब तो कर दो प्रभुजी किरपा,मानव-धर्म को सजा सकूँधर्म कभी ना कट्टर होवे,मानव-मानव से बचा सकूँ। पीड़ित भी हूँ, कुंठित भी हूँ,मन भी मेरा…

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बना के दोनों चाँद खुश विधाता

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** शरद पूर्णिमा और करवा चौथ विशेष... शरद पूर्णिमा चंदा करता जगत स्निग्ध उजियारा,धवल चाँदनी देता लगता हमको कितना प्यारा। शरद पूर्णिमा उत्तम अपने शास्त्र सभी बतलाते,खीर…

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सोलह कलाएं बरसा दें तुम पर

वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ शरद पूर्णिमा विशेष.. व्योम में जड़ा है दीप-सा चन्द्रमा,बिखेर रहा है अमृत हर मन में। शरद चंद्र की सौम्य धवल किरणें,बिखर रही हैं जल और थल में। बांध…

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आज अमिय-धारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* शरद पूर्णिमा विशेष... नहा रहा है शुभ्र किरण में, देखो जग सारा है।चंदा की किरणों से बरसे,आज अमिय-धारा है॥ शरद निशा की गति-मति न्यारी,हर उर आज…

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संस्कार चुनरिया

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ईरान हिजाब आंदोलन... ओढ़ हया संस्कार चुनरिया,लगती देवी जैसी नारीलेकिन घूँघट इतना भी न हो,दिखने लगे निपट बेचारी…। साज श्रंगार मूल्य न कोई,इक चुनर बिन शून्य हजारीसुंदरता…

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लक्ष्य-सफलता का आधार

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** लक्ष्य एक उन्नत संस्कार है,सफलता का दिव्य आधार हैप्रगति पथ पर आगे बढ़ने का,सर्वश्रेष्ठ व सुंदर उपहार है। लक्ष्य एक साहसिक पहल और,ज़िन्दगी की ऊंचाईयों को छूने कासम्बल और…

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सुप्त देवत्व का पुर्नजागरण अन्तर्चेतना से ही

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** मनुष्य के वर्तमान चरित्र का गहनतापूर्वक अध्ययन करने से यही निष्कर्ष निकलता है कि, सृष्टिचक्र के आदिकाल में उसके चरित्र में देवत्व विद्यमान था, जो जन्म-जन्मान्तर…

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