हृदय के भाव को समाहित कर रही
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** आज मैं अपने हृदय के भाव कोनयी कविता में समाहित कर रही,आज मैं अविराम गति आगे बढ़ने का कठिन व्रत अपने मन में धर रही। आज स्वेच्छा से वरण कर आत्म अनुशासन नियम का पाठ मैं पढ़ रही,आज स्व का आदर करने का अभ्यास शुरू कर रहीआज से क्रोध न करने का … Read more