घर-घर चहके

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* दीप जलें, मन महके… लिपे-पुते घर के अंगना मेंनन्हें बच्चों के झुंड चहके,दीपावली की स्याह रात मेंदीप जले और मन महके। रंगोली के चटक रंगों सेसबके घर के द्वार सजे,गेंदा, गुलाब की खुशबू सेमन महके और दीप जले। छूटी फुलझड़ियाँ गलियों मेंचकरी झर-झर घूम रही,दरवाजे की ओट से बहुएंघुँघटा ओढ़े झांक … Read more

भाई दूज ‘भाई-बहन सम्मान’

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भाई बहिना पर्व मधुरतम, भ्रातृद्वितीया आज मनायेंपर्व सनातन धर्म स्वस्ति शुभ, स्नेहिल रीति समाज सजायें। मानसरोवर प्रेम क्षीर जल, अवगाहन आनंद समझ लेंभाई-बहना है हर्षित मन, रिश्तों की खुशबू महकायें। कच्चा धागा समझ प्रेम का, पक्का धागा प्रीत बनायेंबहिना भाई मिलन सहोदर, अपनापन नवनीत बनायें। रिश्ता ममता बहिन भाई … Read more

एक दोस्त नज़र आया

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* महफ़िल में जाकर बैठेतो शोर सुनाई आया,झील के किनारे किसी नेबंसी का मधुर स्वर सुनाया। दूर से देखा तोसब झूठ नज़र आया,पास जाकर खोजा तोसच्चाई का मोती पाया। अमावस की स्याह रात के बादआसमां पर चाँद का प्रकाश छाया,धीरे-धीरे उदास चेहरे पर नूर उतर आया,रंगीन सितारों-सा झिलमिलाया। तपती धरती और तेज … Read more

मैया का हो जयकारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* छठ पूजा विशेष…. छठ पूजा के पल पुष्पित हैं, रवि को नमन् करें,हर विकार जो अंतर में है, उसका दहन करें।मैया छठ की करुणा लेकर, निज जीवन महकाएँ-दुख, पीड़ा और शोक हरण कर, ग़म का शमन करें॥ फूल और फल, सजा मिठाई, मंगल गान करें,रीति, नीति, अच्छाई लेकर, सबका मान करें।हर्ष … Read more

रोज-रोज अग्नि परीक्षा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** रोज-रोज मेरी अग्नि परीक्षा क्यों लेता भगवान ?जबकि मेरी समस्याओं से नहीं है तू अनजानयह भी तुझे पता है कि हम कभी नहीं घबराते,बड़ी-बड़ी बाधाओं से भी हम टक्कर ले पातेतेरी परीक्षाओं से मैं बना अधिक बलवान,इन्हीं परीक्षाओं से शायद, हो मेरा भी नाम। विश्वामित्र ने हरिश्चंद्र की अग्नि परीक्षा ली थी,और … Read more

‘युवा-२०२६’ हेतु आमंत्रण

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दिल्ली। रज़ा फ़ाउण्डेशन अपने संस्थापक-पोषक कलाकार सैयद हैदर रज़ा की दृष्टि और रूचि के अनुरूप हर वर्ष हिन्दी के युवा लेखकों का एक समागम ‘युवा’ नाम से करता आया है। आगामी ‘युवा-२६’ अगले वर्ष मार्च में दिल्ली में होगा। जो इसमें भाग लेना चाहता है, वो १५ नवम्बर तक अपने कार्यवृत्त, प्रस्तावित विषय पर एक … Read more

बिहार: राहुल गांधी की नाकाम राजनीति का भी द्योतक ‘तेजस्वी’

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** बिहार विधानसभा चुनाव में सतरंगी रंग देखने को मिल रहे हैं।आखिर उस घोषणा का रंग भी देखने को मिल ही गया, जिसका सबको इंतज़ार था। आखिरकार तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय ‘देर आए, दुरुस्त आए’ की कहावत को चरितार्थ … Read more

यूँ सजा के चराग़

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** उमीद के रखें हम दिल में यूँ सजा के चराग़।हवा में जैसे रखे जाते हैं जला के चराग़। सभी के हक़ में दुआ आइए यही मांगें,वबा ये अब न बुझाए किसी बक़ा के चराग़। इसी के रहम-ओ-करम पर है ज़िंदगी इनकी,जलें-बुझें कहाँ मर्ज़ी बिना हवा के चराग़। हो अज़्म … Read more

प्रो. शरद नारायण खरे लघुकथा स्पर्धा में प्रथम

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मंडला (मप्र)। साहित्यिक संस्था वागीश्वरी काव्य निर्झरिणी के तत्वावधान में सम-सामयिक विषय पर राष्ट्रीय लघुकथा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें देशभर के रचनाकारों ने भाग लिया। इसमें कथ्य, भाषा, प्रवाह, प्रस्तुति व भावाभिव्यक्ति के आधार पर वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे की लघुकथा ‘यह कैसी नवरात्रि’ (कन्या भ्रूण हत्या पर केंद्रित) को … Read more

उम्र के इस मोड़ पर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* ढलती उम्र की दस्तकधीमे से आई है,कर्मठ जीवन मेंथोड़ी रुकावट लाई है। एक लंबे अरसे सेकर्म की व्यस्तता के बीच,कठिन डगर से गुजरने मेंकभी न हार मानी थी। क्या पता था किज़िंदगी इस कदर रूलाएगी,उम्र के इस मोड़ परअपना रंग दिखाएगी। लोग कहते हैं किउम्र तो एक अंक है,बात सही है … Read more