तारीफ दूसरों की, फायदा अपना

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** तारीफ करो गुणों की, अवगुणों से किनारा करो,गुणीजन की संगत से खुद की पहचान निखारो…। तारीफ व्यक्ति की करते तुम मत घबराया करो,यह वह दीया है, जिससे अपने जीवन में रोशनी भरो…। तुम किसी की काबिलियत-तारीफ के तार छेड़ो,देखो सामने से हँसी के फव्वारे के साथ दुआ ले लो…। ‘उर’ … Read more

मित्रता-ज़िंदगी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नव गाथा हम लिखें आज स्वर, नवजीवन नवमीत बनायें,नयी आश संजीवन जीवन, नयी मित्रता गीत रचायेंअतिशय कोमल नव किसलय सम, सदा दोस्ती सदा बचायें,पुंकेसर समतुल्य कुसुम मृदु कुसुमित सुरभित सखा बनायें। बड़ी लचीली डोर मित्रता, बड़े यतन से इसे संभालें,उड़े आस्मां मुक्त गगन तल खोल पंख खुशियों भर जायेबनी … Read more

मेरे मन!

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* खो गया बचपन,धीरे-धीरे जवानी भीखिसकती जा रहीज़िंदगी का नया पड़ाव,सामने आ खड़ा हैइसलिए दुःखी मत होमेरे मन…। थोड़ा-सा हँस दे,थोड़ा-सा रो लेथोड़ा-सा दौड़ ले,थोड़ी-सी मस्ती कर लेबेकार ही वक्त गंवाया,बेकार ही बड़े हो गएइस तरह की बातें बेतुकीसोचना बंद कर दे,मेरे मन…। सारे बंधन अब तोड़ दे,ध्यान रहे यह दुनियातुम्हारे लिए … Read more

अपने दिल को

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ टूट चुका हूँ मैंतेरे जाने के बाद,समझता हूँ बहुतहर वक़्त अपने दिल को…। पर यादें हैं वह जाती नहीं,हर समय-हर पल तेरी याद आती हैतुझको खो देने के बाद,समझता हूँ बहुतहर वक़्त अपने दिल को…। दिल में दर्द हैं बहुत,वह नहीं समझता हैरोता है अकेले में… टूट-सा जाता है मन,तेरी … Read more

बेमिसाल टाटा

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* पुण्यतिथि विशेष…. भारत के असाधारण उद्योगपति,राष्ट्र निर्माण में असीमित सहयोगीविनम्र रतन टाटा रहे बड़े दूरदर्शी। पद्मविभूषित और बेमिसाल हस्ती,भारत में जन्में उन्नीस सौ सैंतीस ईसवींजैसे मिला इक कोहिनूर वरदान स्वरूपी। अत्यंत सरल स्वभावी,दयालु और तेजस्वीबोली में रहे मृदुभाषी। हुई दुखद अपूरणीय क्षति,जो न होगी कभी भी पूरीछोड़ी दुनिया नौ अक्तूबर दो … Read more

वाल्मीकि ऋषि को नमन

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** आज हम उनको करें प्रणामवाल्मीकि समक्ष नगण्य हैं हम,सीताराम की गाथा सेजिन्होंने दिया जग को उजियारा। शब्दों का दीप उन्होंने जलायाआस्था, प्रेम की बहाई धारा,वाल्मीकि का पुण्य नामजग में सदा रहेगा अमर। सृजन से किया जग आलोकितजंगल में उन्होंने किया तप,सत्य को खोजा मिला नहीं तब तकपहुंचा दिया वो हर जन तक। … Read more

शारदीय रात

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** शारदीय रातों में,दूधिया चाँदनी फैलती है। मैं शरद गीत गाती हुई,कब केसरिया चाँदनी मेंबहने लगती हूँनहीं जानती हूँ मैं। मेरा मन चाँद सेबातें करने लग जाता है,पर आजकल चाँद नेअमृत भरी नहीं,बल्कि विष भरी बातें मुझसे की है। शारदीय चाँद का सौंदर्यमाँ को भी झनझना देता है,जाता है पलकों पर उतरएक कोमल … Read more

सब कुछ, कहाँ मिलता है

कल्याण सिंह राजपूत ‘केसर’देवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* ज़िंदगी का सफ़र बस यूँ ही चलता रहे,साथी धड़कन बनकर साथ, चलता रहे। साथी सच्चा व अच्छा हो तो,जीवन भी आसान लगने लगता है। सभी कहते हैं साथ निभाने की,किंतु साथी तो वही है, जो पल-पल- हर-पल साथ होता है। ज़िंदगी के सफ़र में,कभी सुख, तो कभी दु:ख होता हैसच्चा … Read more

बढ़ता ही जा रहा हूँ

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हर गुजरते वक्त के साथमैं बढ़ता ही जा रहा हूँ,व्यसनों के अम्बार परबेहिसाब चढ़ता ही जा रहा हूँ। आठ-दस फिट कद रहा था कभी मेराआज सौ-पचास से ऊपर जा रहा हूँ,कुदृष्टि भर डाली थी मैंने सीता मैया परअब घिनौना अपराधी बनता जा रहा हूँ। कभी था अत्यंत ज्ञानी पांडित्य पूर्णशिवजी का … Read more

ऋषि वाल्मीकि युगों का मान

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** वाल्मीकि जयंती विशेष… जिसने रची ‘रामायण’ मर्यादा की शान,वह ऋषि वाल्मीकि, युगों-युगों का मान। वन की नीरव गहराइयों में, ज्ञान का दीप जलाया,अंधकार मिटा कर, मानवता का संदेश चलाया। डाकू से ऋषि बने, ये परिवर्तन की गाथा है,संघर्षों में ढूँढ ली, आत्मा की परिभाषा है। कलम ने जब छुआ, सत्य और … Read more