वीरों की वीर निराली
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** थी वीरों की वीर निराली,वह रानी मतवाली थी।जिसका साहस,शौर्य प्रखर था,संग भवानी-काली थी॥उस झाँसी की सेनानी की,सारे ही जय बोलो।बंद पड़े जो इतिहासों में,उन पन्नों को खोलो॥ वीर बुँदेलों की माटी ने,बलिदानों को पोसा।बैरी का सिर काट दिया,यदि किंचित उसने कोसा॥बुन्देलों की थाती ने तो,जय का घोष निभाया।दुश्मन को चटवाई … Read more