दारुण जन
डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** दारुण जन के पीर पर, सदा लगाए मर्म।मानवता की राह पर, श्रेष्ठ यही है धर्म॥श्रेष्ठ यही है धर्म, हृदय से सोचें उत्तम।दु:ख पीड़ा को देख, लगावें मिल-जुल मरहम॥पुण्य करें सब काज, हृदय में धारें सतगुण।मानव कभी न होय, हृदय मन से भी दारुण॥ दारुण मन से हो नहीं, हृदय भरा हो … Read more