स्वामी जी संस्कारों की शान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* स्वामी जी थे युगपुरुष, संस्कारों की शान।जो कायम करके गए, गति-मति के सँग आन॥ विश्व सभा में छा गए, फैलाया आलोक।मूल्य सनातन की चमक, कौन सकेगा रोक॥ युवा चेतना की दमक, युगों रहे बन इत्र।समझ रहे हैं हम सभी, बनकर मानव मित्र॥ आज जयंती पर दिखा, फिर से नवल विवेक।आओ! हम … Read more

भोले, सुन मन की बात

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… भोले कृपा निधान सुन, मेरे मन की बात।जपता हूँ मन से तुझे, ओम् नमः दिन-रात॥ ओम् नमः दिन-रात प्रभु, लेता हूँ मैं नाम।हे भोले करना कृपा, मिले मुक्ति का धाम॥ मिले मुक्ति का धाम प्रभु, सदा लगाऊँ ध्यान।शम्भु-शिवादेवी तुम्हीं, दो जीवन वरदान॥ दो जीवन वरदान अब, शिव … Read more

प्यारी हिंदी

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** हिंदी हमारी जान है हिंदी हमारी शान।हिंदी से ही ऊँचा नाम है हिंदी से संवरे काम॥ हिंदी विश्ववास बढ़ाती हिंदी सम्मान दिलाए।हिंदी जगदर्शिका है हिंदी ही मार्ग बताए॥ हिंदी की बिंदी है सुंदर हिंदी है खुशहाल,हिंदी भाषा है हमारी हिंदी ही अभिलाषा॥ हिंदी मेहनत की रानी है हिंदी ही महारानी।शिक्षा … Read more

निराकार साकार प्रभु

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* निराकार साकार प्रभु, गुण निर्गुण अस्तित्व।भजे मनुज जिस रूप में, दिखे ईश व्यक्तित्व॥ लीलाधर लीला मधुर, सगुण रूप साकार।नर-नारी बहु रूप में, लेते हैं अवतार॥ निराका परमात्मा, अन्तर्मन अनुभूत।गाओ जिस भी रूप में, भक्ति प्रेम सम्पूत॥ ब्रह्म विष्णु शिव एक ही, हैं त्रिदेव अवतार।सर्जन पालन सत्य जग, पापों का … Read more

भोले करना कृपा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… हे गौरी के लाल श्री, बुद्धि विनायक आप।मातु-पिता शंकर शिवा, दूर करो सन्ताप॥ दूर करो सन्ताप अब, सहा न जाये भार।हे भोले करना कृपा, मन से मिटे विकार॥ मन से मिटे विकार सब, सरल रहे व्यवहार।हे भोले करना कृपा, बहे प्रेम की धार॥ बहे प्रेम की धार … Read more

प्रथम भोर, नये एहसास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* प्रथम भोर नव वर्ष में, नव पौरुष एहसास।रीति-नीति सम्प्रीति रस, भर दे हृदय मिठास॥ नया सबेरा अरुणिमा, खिलत चहुँ सतरंग।सत्प्रेरक सद्मार्ग में, रग-रग भरे उमंग॥ हरितिम हो सारी प्रकृति, सरिता सलिल प्रवाह।निर्मल हो पर्यावरण, सुगम लक्ष्य हो राह॥ प्राण वायु निर्मल बहे, खिले वृक्ष फलदार।महकें कलियाँ खिल कुसुम, चहुँ … Read more

हलचल हो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हलचल हो दिल आलसी, कामचोर लाचार।भूख प्यास कैसे मिटे, ज्ञानशून्य बेकार॥ अपराधी के हृदय में, हलचल भय कानून।सख्त हुई सरकार है, खोये दुष्ट जूनून॥ बदलेगी अब फिर फ़िजा, पाक मचेगा शोर।हलचल पाकी दहशती, भरत वीर चहुँ ओर॥ फिर सीमा पर हलचलें, पाक चली है चाल।घुसे पुनः जम्मू जमीं, होगा … Read more

बनो जौहरी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* समय जौहरी कर रहा, परख समय की नित्य।समय सदा लगता मुझको, मानो ज्यों आदित्य॥ बनो जौहरी नित करो, बुरे-भले में भेद।वरना होना तय समझ, निज कश्ती में छेद॥ होता है जो जौहरी, कर लेता पहचान।हीरे का वह मोलकर, कहलाता गुणवान॥ रखो संग में नित्य ही, प्रियवर आप विवेक।तभी जौहरी बन सको, … Read more

मौन दूरदर्शी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनमोहन शीतल सहज, मितभाषी अति धीर।मौन दूरदर्शी सटिक, नयी सोच तस्वीर॥ कुशल प्रशासक वतन का, भारत बने प्रधान।शान्त प्रकृति थे सिंहवत, देश सपूत महान॥ अर्थशास्त्र ज्ञाता प्रखर, नीति न्याय प्रतिमान।मिलनसार व्यक्तित्व थे, मनमोहन सन्तान॥ शान्त सौम्य निर्लिप्त मन, विश्व श्रेष्ठ मतिमान।भारत रिजर्व बैंक का, गवर्नर थे महान॥ राजनीति के … Read more

पहले भूमिका

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पहले होती भूमिका, फिर बनती है बात।जैसे दिन के बाद ही, आती है हर रात॥ बन जाए जब भूमिका, पूरा होता काम।बिना भूमिका जो बढ़े, उसका काम तमाम॥ शांत चित्त से बैठकर, बने भूमिका सत्य।होता है फिर काम भी, निकले उसमें तथ्य॥ जीवन में हर एक की, नियत भूमिका मीत।जिसका … Read more