मीरा-श्याम दीवानी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* थी दीवानी श्याम की, मीरा जिसका नाम।जो युग-युग को बन गई, हियकर अरु अभिराम॥ पिया हलाहल,पर अमर, पाया इक वरदान।श्रद्धा से तो मिल गई, जीवन को…

0 Comments

आ भी जाओ श्याम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तुम बिन रहा न जाय अब, आ भी जाओ श्याम।तरस रही मुरली श्रवण, मैं राधे प्रिय वाम॥ तुम बिन सब सूना समझ, हे गिरिधर…

0 Comments

बनें सखा मजबूत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नेहिल होती मित्रता, होती सदा पवित्र।दुख में कर ना छोड़ता, हो यदि सच्चा मित्र॥ वही मित्र है ख़ास जो, कह दे चोखी बात।रहे संग वह नित…

0 Comments

सावन बरसे सुख मिले

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** पावन सावन-मन का आंगन... सावन पावन मास में, रिमझिम पडे़ फुहार।रम्यता खिली प्रकृति में, हो शिवकृपा अपार॥ श्रावण आया चल चले, महाकाल के धाम।कावड़…

0 Comments

हरित भरित संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* क्षिति जल पावक नभ अनिल, बना सकल संसार।बने प्रदूषित मनुज से, क्षत-विक्षत आधार॥ मानवता का मोल ही, समझे जब संसार।कुछ पल का अस्तित्व जन,…

0 Comments

उपवन है खिला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आया सावन मास शुभ, रिमझिम वृष्टि फुहार।हरितिम उपवन है खिला, सुरभित बहे बयार॥ महका उपवन फूल से, खिलते चारु गुलाब।मधुर मिलन विरही युगल, कशिश…

0 Comments

तप में होता प्रताप

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तप से हरदम बल मिले, मन हो जाता शांत।बिखरे नित नव चेतना, रहे नहीं मन क्लांत॥ तप में होती दिव्यता, मिलता है आवेग।इसमें पावनता भरी, जो…

0 Comments

शिव ही सत्य

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दुनिया शिव ही सत्य है, महिमा अपरंपार।अन्तर्मन विश्वास से, हों प्रसन्न ओंकार॥ सदा अजन्मा चिरन्तन, बाघम्बर वागीश।भक्ति प्रेममय शिव चरण, अर्पित रावण शीश॥ महादेव…

0 Comments

महर्षि जमदग्नि

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* ऋचिक पुत्र जमदग्नि थे, भृगुवंशी सन्तान।श्रेष्ठ सदा सप्तर्षि में, चतुर्वेद विज्ञान॥ पंच पुत्र में श्रेष्ठतम, सिद्धियोग निष्णात।ऋषि पत्नी थी रोहिणी, जीवन सुख सौगात॥ आज्ञा…

0 Comments

गुरु महिमा अतिगहन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नमन आज गुरु पूर्णिमा, ज्ञान बुद्धि आलोक।सुख वैभव पा कीर्ति जग, मिटे सकल मन शोक॥ मातु-पिता भाई समा, मीत प्रीत गुरु होय।सदाचार परहित विनत,…

0 Comments