नई पारी में चक्रव्यूह को भेदेगा उजाला

ललित गर्ग दिल्ली************************************** अठाहरवीं लोकसभा चुनाव के नतीजे भले ही अपने अंदर कई संदेशों को समेटे हुए हैं, भले ही भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला हो, भले ही ‘इंडिया गठबंधन’ एक चुनौती के रूप में खड़ा हुआ हो, फिर भी तीसरी बार नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनते हुए नए भारत एवं … Read more

राष्ट्रहित में राष्ट्रीय दलों का वजूद बहुत जरूरी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** लोकसभा चुनाव… अनेकता में एकता की क्षमता रखने वाले विविध जाति, धर्म और संप्रदायों के देश भारत की राजनीति को समझना इतना आसान नहीं है, जितना आम तौर पर सोचा जाता है। इसी राजनीतिक समझाइश के चलते भारत के सभी राजनीतिक दलों ने २०२४-२९ का चुनावी युद्ध मई-जून २०२४ में लड़ा। … Read more

वृक्ष बिना सब धरा रह जाएगा

शीलाबड़ोदिया ‘शीलू’इंदौर (मध्यप्रदेश )*********************************************** एक बरगद की वृक्ष की विशाल लताएं हैं। देखकर ऐसा महसूस होता है कि, एक परिवार का बुजुर्ग अपने अनुभव, शक्ति, प्यार और अनुभव के साथ अपने पूरे परिवार को अपनी छत्र-छाया में लेकर खड़ा हुआ है। ऐसा लगता है, मानो जब तक वह विशाल लताएं खड़ी है, उसकी गहरी छाया … Read more

‘सपना’ टूटा, क्योंकि भटक गए…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** लोकसभा चुनाव-२०२४… “देश में लोकतंत्र है, जिसमें जनता ही राजा है”, यह बात लोकसभा चुनाव २०२४ के नतीजों में अलग-अलग दलों को मिली हार-जीत से समझी जा सकती है। इसलिए जनता को बधाई कि, उसने बोलकर भी बहुत छिपाए रखा और भाजपा-कांग्रेस को बहुत कुछ समझा दिया। राजग को बहुमत तो मिला … Read more

ईंट-पत्थर के जंगलों से बचाना होगा प्रकृति को

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)… भीषण गर्मी से हर तरफ हाहा-कार मचा हुआ है। इस वर्ष की गर्मी ने सारे कीर्तिमान तोड़ दिए हैं। मनुष्य छाँव की तलाश में परेशान हो रहा है, ठंडक जहाँ पर मिले, वहाँ अच्छा लगता था, पर शहर का हाल देखें तो रोना … Read more

जागरूक करने और महत्व समझाने की बड़ी आवश्यकता

ललित गर्ग दिल्ली************************************** सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)…. ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ हर साल ५ जून को मनाया जाता है। इंसानों को प्रकृति, पृथ्वी एवं पर्यावरण के प्रति सचेत करने के लिए यह मनाया जाता है और देश एवं दुनिया में पर्यावरण संरक्षण की याद दिलाई जाती है। सर्वविदित है कि इंसान व प्रकृति … Read more

आर्थिक मोर्चे पर सशक्त होता भारत

ललित गर्ग दिल्ली************************************** आम चुनाव के अंतिम चरण में कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान को लेकर विपक्ष की घमासान राजनीति हो रही है। इस राजनीतिक गर्मा-गर्मी के बीच आर्थिक मोर्चे पर २ शानदार खबरें आई है, जो न केवल चौंका रही है, बल्कि अपूर्व खुशी का अहसास करा रही है। भारत भूमि पर … Read more

सबको मिले ‘दो जून की रोटी’

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ‘दो जून की रोटी’ एक कहावत है, पर ये अवधी भाषा का शब्द है। अवधि भाषा में ‘जून’ का अर्थ होता है ‘वक्त’ यानी ‘समय।’ यानी दोनों समय का भोजन, इसलिए पुराने जमाने में बुजुर्ग सुबह-शाम के भोजन को दो जून की रोटी के साथ संबोधित करते थे। कहते हैं हर … Read more

नयी लोकसभा:नागरिक ही उठें और कर्तव्य निभाएं

ललित गर्ग दिल्ली************************************** अठारहवीं लोकसभा के गठन के लिए अब चुनाव परिणामों पर सबकी निगाहें लगी है, इसी के साथ नयी लोकसभा कैसी हो, किस तरह से राजनीतिक विसंगतियों से उसे बचाकर एक नयी आदर्श लोकसभा का गठन हो, ताकि आजादी का अमृतकाल स्वर्णिम एवं सार्थक बन सके। वर्ष २०४७ तक भारत की यात्रा परिवर्तन, … Read more

सम्मान एवं प्रकाशन योजना में पांडुलिपि आमंत्रित

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जयपुर (राजस्थान)। दीपक अरोड़ा स्मृति पांडुलिपि प्रकाशन योजना में नवें वर्ष (२०२४) से सम्मान राशि भी शामिल की जा रही है। इसके अंतर्गत पांडुलिपि भेजने की अंतिम तारीख ३१ मई २०२४ है। बोधि प्रकाशन की ओर से दी गई जानकारी अनुसार योजना के वर्ष २०२४ के लिए हिन्दी कविता (गीत-नवगीत शामिल) की पांडुलिपियाँ सादर आमंत्रित … Read more