संचित यादों को अद्भुत शिल्प से उकेरा है अपनी कविताओं में
चर्चा-विमर्श… भोपाल (मप्र)। संतोष जी ने अपने एवं अपनों की संचित यादों को अनेक सुंदर बिम्बों और प्रतीकों के साथ अद्भुत शिल्प एवं कौशल से अपनी कविताओं में उकेरा है। उनकी कविता में रस्मों में भस्म होती स्त्रियाँ हैं, एसिड अटैक की पीड़ितों का आर्तनाद है, इतिहास में दर्ज स्याह पृष्ठ है तो सभी जख्मों … Read more