सपने सजाते हैं
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खिली भोर की नयी अरुणिमा खोल उन्मुक्त विहग उड़ जाते हैं,नवल प्रीत मनमीत गगनआलिंगन सपने जगाते हैं।महके तन मन चारु गुलबदन वय यौवन मद है मुस्काती-चन्द्रमुखी उत्तुंग शिखर उर तल आशिक दिल को भाते हैं॥ प्रेम गगन उन्मुक्त चपल मन बेताब उड़न भर जाते हैं,मन्दहास खुशियाँ अधरों पर मुख … Read more